Pages

तात्कालिक लेख

Grab the widget  Get Widgets

Thursday, February 14, 2013

चिंघाड़ उठो वीर गज से सिंह सी दहाड़ दो |

चिंघाड़ उठो वीर गज से सिंह सी दहाड़ दो |
धर्म , राष्ट्र है खतरे में आओ आकर प्रतिकार करो ||

तुम वीर हिन्दू हो तुम वीर योद्धा हो |
मलिछ दानव दल का आओ संहार करो ||

हैं हिन्दू भूमि साक्षी लहू से धरा लाल है |
वीर जननी माँ भारती का फिर वही श्रंगार हो ||

गर्व है वीर पृथ्वी पर जयचंद पर मलाल है |
हम हिन्दू है सनातनी , यह सच सदैव स्वीकार हो ||

न झुके कभी न रुके कभी ये बात हम में ख़ास है |
माँ भारती है पुकारती युद्ध का अब फिर शंखनाद हो ||

भार सहा तेरा माँ ने जिस उम्र सारी अपनी कोख में |
वो कर्ज चुकाने का है वक्त अब,धरनी और ना धीर हो ||

लुटा अपनी रगों का लहू माँ तेरा नमन करूँ |
दे मुझे शक्ति का वर , अस्त्रों से मेरा श्रंगार करो ||

ना लौटूं हार कर जीत कर मैं विजयी बनू |
हाथ रख कर सर पर मेरे शत्रु लहू से तिलक करो ||

जय जय सियाराम ,, जय जय महाकाल ,, जय जय माँ भारती ,, जय जय माँ जननी||

No comments:

Post a Comment