चिंघाड़ उठो वीर गज से सिंह सी दहाड़ दो |
धर्म , राष्ट्र है खतरे में आओ आकर प्रतिकार करो ||
तुम वीर हिन्दू हो तुम वीर योद्धा हो |
मलिछ दानव दल का आओ संहार करो ||
हैं हिन्दू भूमि साक्षी लहू से धरा लाल है |
वीर जननी माँ भारती का फिर वही श्रंगार हो ||
गर्व है वीर पृथ्वी पर जयचंद पर मलाल है |
हम हिन्दू है सनातनी , यह सच सदैव स्वीकार हो ||
न झुके कभी न रुके कभी ये बात हम में ख़ास है |
माँ भारती है पुकारती युद्ध का अब फिर शंखनाद हो ||
भार सहा तेरा माँ ने जिस उम्र सारी अपनी कोख में |
वो कर्ज चुकाने का है वक्त अब,धरनी और ना धीर हो ||
लुटा अपनी रगों का लहू माँ तेरा नमन करूँ |
दे मुझे शक्ति का वर , अस्त्रों से मेरा श्रंगार करो ||
ना लौटूं हार कर जीत कर मैं विजयी बनू |
हाथ रख कर सर पर मेरे शत्रु लहू से तिलक करो ||
जय जय सियाराम ,, जय जय महाकाल ,, जय जय माँ भारती ,, जय जय माँ जननी||
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