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Thursday, January 31, 2013

शिर्डी साईं का पर्दाफाश ...... शिर्डी साईं एक इस्लामिक षड्यंत्र





यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रताः
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपिमाम्
गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मूर्दा (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत-प्रेत ही बनते हैं.
साईं उर्फ़ चाँद मियां की मजार या दरगाह, अब साईं भक्त ये बताये की भगवान् कृष्ण सही है या साईं??
साईं एक इस्लामिक बुद्धि का व्यक्ति और और अल्लाह का एक सिपाही है जिसका काम मुर्ख हिन्दुओ को अपने जाल में फस कर इस्लामिक सत्ता कायम करना है यही काम अजमेर के ख्वाजा चिस्ती ने किया था और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन ने किया.. पर अक्सर लोग इस भूल में जीते रहते है की उनकी तो कब्र है पर साईं की तो मूर्ति है जिसे मुसलमान पूजते है नहीं है और यही पर लोग मुर्ख बन जाते है असल में कुरान के कहे अनुसार साम दाम दंड भेद जैसे भी हो इस्लामी सत्ता कायम करना ही मुसलमानों का फ़र्ज़ है जिसे पूरा करने में साईं ने पूरी इमानदारी दिखाई और आज उसकी इसी बात का फायदा मुसलमान उठा रहे है
शिर्डी से प्रकाशित साईं सत्चरित्र के सन्दर्भ से लिए गए साईं के कुछ कारनामे और साईं के सनातनी विरोधी कुछ कार्य, इसी में साईं के एक मुस्लिम होने का प्रमाण भी है, यही नहीं इसमें साईं के प्रसाद में मांस मिलाने और एक ब्राह्मण को मांस मिला भोजन खिलाने के लिए बाध्य करने के कुछ प्रमाण है,
मेरे एक मित्र एवं एक पूर्व साईं भक्त द्वारा गया मुझे लिखा गया एक पत्र, जिसमे साईं इस्लाम को अच्छा बता कर भारत की संत परम्परा एवं भारतीय मुनियों ऋषियों व् महापुरुषों का अपमान करता है जो सदियों से इस्लामिक पिशाच से लड़ते हुए भारत भूमि को बचाए हुए है..
सनातनी परंपरा में केवल इश्वर, अवतार, या देवता की पूजा ही मान्य है उसके अलावा सभी एक तरह से पाखंड ही है,
चूँकि साईं न इश्वर है न देवता और न अवतार इसलिए वह भी एक प्रकार से पूजनीय व्यक्तियों की श्रेणी में नहीं आता, एक साधारण इंसान होते हुए भी उसे इश्वर की तरह पूजा जाना सनातन धर्म का ही घोर अपमान है.
गीता में भगवान् कृष्ण का सन्देश व् दफनाये गए व्यक्तियों को पूजने पर भगवान् कृष्ण की स्पष्ट चेतावनी,
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/26/fake-sai-2/  साईं के अवतारी होने का भंडाफोड़ एवं साईं के चमत्कारों का पर्दाफाश,
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/26/122/

साईं का पूजन अर्थात सनातनी धर्म का घोर अपमान, क्या एक यावनी(मुसलमान) सनातनी भगवान् हो सकता है, वो यावनी जो हजारो सालो से भारत भूमि को रक्त में डुबोते हुए तलवार के जोर पर हजारो लाखो स्त्रियों का चीरहरण व् करोड़ो भारतवासियों की हत्या करने उनका जबरन धर्मांतरण करा चुके है, साथ ही इस झूठ का गुब्बारा फोड़ना की साईं ने अपने जीवन में समाज के कल्याण के लिए कोई कार्य किये है.
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/19/fake-sai/
साईं के कुछ मुर्ख भक्त है जो साईं कटुवे को शिव राम या कृष्ण ने जोड़ रहे है और अपने सनातन धर्म का मखोल उड़ा कर पूरी दुनिया में सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है,
ऐसे साईं भक्तो को मेरा खुला चैलेंज, हिम्मत है तो साईं को हिन्दू साबित करे भगवान की बात तो बहुत दूर की है,
ऐसे साईं भक्तो को मेरी सलाह, क्या ये साईं राम शिव से बड़ा हो गया,
क्या साईं की पूजा करने वालो को ये पता है की सनातन धर्म में किस विग्रह की पूजा होती है किसकी नहीं??
क्या साईं भक्ति को पता है की सनातन धर्म में विग्रह स्थापना का क्या विधान है??
क्या सनातन धर्म भगवान् की तरह गुरु की पूजा करने की अनुमति देता है, जैसे की कुछ लोग इसे सिर्फ गुरु बता रहे है.
साईं भक्तो को सलाह की वो अपनी आखे खोले और इस साईं की पूजा को बंद करके सनातन धर्म के असली स्वरुप को पहचाने,
जय श्री राम,
जय भगवान परशुराम,
जय सनातन धर्म
जय हिन्दुराष्ट्र,

लोगों का मानना है 15 अक्टूबर 1918 के दिन साईं बाबा को मोक्ष प्राप्त हुआ था …. लेकिन मुझे संशय है काही आज भी उनकी आत्मा भटक तो नहीं रही नरक में …. क्यूकी गरुँण पुराण में लिखा है की खुद को भगवान बताकर पुजवाने वाले मनुष्यो को म्र्त्युप्रांत तरह तरह के नरको को भोगना पड़ता है…
सनातन धर्म के 33 कोटि देवी देवताओं को छोडकर हिन्दू आजकल साईं की भक्ति में लीन है ….
कौन था साईं ? क्या किया उसने ? कोई नहीं जानता फिर भी उसके भक्त बन गए क्यूकी टीवी में दिखाया जा रहा न…
साईं को पूजने से पहले साईं के बारे में जान तो लो… पोस्ट बढ़ी है कृपया धैर्य और ध्यान से पढ़ें….
साई बाबा की मार्केटिंग करने वालो ने या उनके अजेंटों ने या सीधे शब्दो मे कहे तो उनके दलालो ने काफी कुछ लिख रखा है। साई बाबा की चमत्कारिक काल्पनिक कहानियो व गपोड़ों को लेकर बड़ी बड़ी किताबे रच डाली है। स्तुति, मंत्र, चालीसा, आरती, भजन, व्रत कथा सब कुछ बना डाला… साई को अवतार बनाकर, भगवान बनाकर, और कही कही भगवान से भी बड़ा बना डाला है… किसी भी दलाल ने आज तक ये बताने का श्रम नहीं किया कि साई किस आधार पर भगवान या भगवान का अवतार है ? जब भगवान का अवतार है तो हिन्दूधर्मग्रंथो के आधार पर ही तो तय होगा न कि अवतार है या नहीं? भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा कही गयी गीता जी में श्री कृष्ण ने अवतार लेने के कारण और कर्मो का वर्णन करते हुये लिखा है कि—-
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि यूगे यूगे ॥
अर्थात, साधू पुरुषो के उद्धार के लिए, पापकर्म करने वालो का विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मे युग-युग मे प्रकट हुआ करता हू।
श्री कृष्ण जी द्वारा कहे गए इस श्लोक के आधार पर देखते है कि साई कितने पानी में है —
1 परित्राणाय साधूनां (साधु पुरुषो के उद्धार के लिए ) – यदि ये कटोरे वाला साई भगवान का अवतार था तो इसने कौन से सज्जनों का उद्धार किया था? जब कि इसके पूरे जीवनकाल मे ये शिरडी नाम के पचास-सौ घरो की बाड़ी (गाँव) से बाहर भी न निकला था..और इसके मरने के बाद उस गाँव के लगभग आधे लोग भी बेचारे रोगादि प्रकोपों से पीड़ित होके मरे थे…यानि विश्व भर के सज्जन तो क्या अपने गाँव के ही सज्जनों का उद्धार नहीं कर पाया था….उस समय ब्रिटिश शाशन था, बेचारे बेबस भारतीय अंग्रेज़ो के जूते, कोड़े, डंडे, लाते खाते गए और साई महाराज शिरडी मे बैठकर छोटे-मोटे जादू दिखाते रहे, किसी का दुख दूर नहीं बल्कि खुद का भी नहीं कर पाये आधे से ज्यादा जीवन रोगग्रस्त होकर व्यतीत किया और अंत मे भी बीमारी से ही मरे ।
2- विनाशाय च दुष्कृताम( दुष्टो के विनाश के लिए) – साई बाबा के समय मे दुष्ट कर्म करने वाले अंग्रेज़ थे जो भारतीयो का शोषण करते थे, जूतियो के नीचे पीसते थे , दूसरे गोहत्यारे थे, तीसरे जो किसी न किसी तरह पाप किया करते थे, साई बाबा ने न तो किसी अंग्रेज़ के कंकड़ी-या पत्थर भी मारा, न ही किसी गोहत्यारे के चुटकी भी काटी, न ही किसी भी पाप करने वाले को डांटा-फटकारा। अरे बाबा तो चमत्कारी थे न पर अफसोस इनके चमत्कारो से एक भी दुष्ट अंग्रेज़ को दस्त न लगे, किसी भी पापी का पेट खराब न हुआ…. यानि दुष्टो का विनाश तो दूर की बात दुष्टो के आस-पास भी न फटके।
3- धर्मसंस्थापनार्थाय ( धर्म की स्थापना के लिए ) – जब साई ने न तो सज्जनों का उद्धार ही किया, और न ही दुष्टो को दंड ही दिया तो धर्म की स्थापना का तो सवाल ही पैदा नहीं होता..क्यो कि सज्जनों के उद्धार, और दुष्टो के संहार के बिना धर्म-स्थापना नहीं हुआ करती। ये आदमी मात्र एक छोटे से गाँव मे ही जादू-टोने दिखाता रहा पूरे जीवन भर…मस्जिद के खण्डहर मे जाने कौन से गड़े मुर्दे को पूजता रहा…। मतलब इसने भीख मांगने, बाजीगरी दिखाने, निठल्ले बैठकर हिन्दुओ को इस्लाम की ओर ले जाने के अलावा , उन्हे मूर्ख बनाने के अलावा कोई काम नहीं किया….कोई भी धार्मिक, राजनैतिक या सामाजिक उपलब्धि नहीं..
जब भगवान अवतार लेते है तो सम्पूर्ण पृथ्वी उनके यश से उनकी गाथाओ से अलंकृत हो जाती है… उनके जीवनकाल मे ही उनका यश शिखर पर होता है…. और इस साई को इसके जीवन काल मे शिरडी और आस पास के इलाके के अलावा और कोई जानता ही नहीं था…या यू कहे लगभग सौ दौ सौ सालो तक इसे सिर्फ शिरडी क्षेत्र के ही लोग जानते थे…. आजकल की जो नयी नस्ल साईराम साईराम करती रहती है वो अपने माता-पिता से पुछे कि आज से पंद्रह-बीस वर्ष पहले तक उन्होने साई का नाम भी सुना था क्या ?
शिर्डी में साईं की समाधि है जो चाँद बाबा के नाम से है, ये चाँद बाबा असल में चाँद मियां उर्फ़ साईं बाबा ही थे, अब ये दफनाये गये है तो दफ़नाने के बाद ये सालो तक जमीन में ही दफ़न रहेंगे
गीता में भी भगवान् कृष्ण ने कहा है की मुर्दा आदमी को जो सकाम भाव से पूजता है वो भी प्रेत योनी में भक्त रहता है और वो भी उसी योनि को प्राप्त जाता है,
तो मेरे भाइयो बहनों, प्रेत को पूज कर आप भी प्रेत ही बनोगे…
साई भक्तो के लिए दस प्रश्न ––
1 – साई को अगर ईश्वर मान बैठे हो अथवा ईश्वर का अवतार मान बैठे हो तो क्यो?आप हिन्दू है तो सनातन संस्कृति के किसी भी धर्मग्रंथ में साई महाराज का नाम तक नहीं है।तो धर्मग्रंथो को झूठा साबित करते हुये किस आधार पर साई को भगवान मान लिया ? और धर्मग्रंथ कहते है कि कलयुग में दो अवतार होने है ….एक भगवान बुद्ध का हो चुका दूसरा कल्कि नाम से अंतिम चरण में होगा……. ।
2 – अगर साई को संत मानकर पूजा करते हो तो क्यो? क्या जो सिर्फ अच्छा उपदेश दे दे या कुछ चमत्कार दिखा दे वो संत हो जाता है?साई महाराज कभी गोहत्या पर बोले?, साई महाराज ने उस समय उपस्थित कौन सी सामाजिक बुराई को खत्म किया या करने का प्रयास किया?ये तो संत का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है ।और फिर संत ही पूजने है तो कमी थी क्या ?फकीर ही मिला ?
3- अगर सिर्फ दूसरों से सुनकर साई के भक्त बन गए हो तो क्यो? क्या अपने धर्मग्रंथो पर या अपने भगवान पर विश्वास नहीं रहा ?
4 – अगर मनोकामना पूर्ति के लिए साई के भक्त बन गए हो तो तुम्हारी कौन सी ऐसी मनोकामना है जो कि भगत्वतसल भगवान शिवजी , या श्री विष्णु जी, या कृष्ण जी, या राम जी पूरी नहीं कर सकते सिर्फ साई ही कर सकता है?तुम्हारी ऐसी कौन सी मनोकामना है जो कि वैष्णो देवी, या हरिद्वार या वृन्दावन, या काशी या बाला जी में शीश झुकाने से पूर्ण नहीं होगी ..वो सिर्फ शिरडी जाकर माथा टेकने से ही पूरी होगी।
5 – तुम्हारे पूर्वज सुबह और शाम …..श्री राम , या कृष्ण या शिव शिव ही बोलते थे….. फिर तुम क्यो सिर्फ प्रचार को सुनकर ,बुद्धि को भ्रम में डालकर साई साई चिल्लाने लगे हो?
6 – अगर भगवान कि पूजा करनी है तो इतने प्यारे,दयालु ,कृपालु भगवान है न तुम्हारे पास फिर साई क्यो ? अगर संतो की पुजा करनी है तो साई से महान ,ऋषि मुनि है न ….. साई ही क्यो ?
7 -मुस्लिम अपने धर्म के पक्के होते है ……अल्लाह के अलावा किसी और की और मुंह भी नहीं करते …..जब कोई अपना बाप नहीं बदल सकता ….अथवा अपने बाप कि जगह पर किसी और को नहीं देख सकता तो तुम साई को अपने भगवान कि जगह पर देखकर क्यो दुखी या क्रोधित नहीं होते ????
8 -अगर सनातन धर्मी हो तो सनातन धर्म में तो काही साई है ही नहीं ….. तो आप खुद को सनातन धर्मी कहलाना पसंद करोगे या धर्मनिरपेक्षी साई भक्त ????
9 – आप खुद को राम या कृष्ण या शिव भक्त कहलाने में कम गौरव महसूस करते है क्या जो साई भक्त होने का बिल्ला टाँगे फिरते हो …. क्या राम और कृष्ण से प्रेम का क्षय हो गया है …. ?
10 – ॐ साई राम ……..ॐ हमेशा मंत्रो से पहले ही लगाया जाता है अथवा ईश्वर के नाम से पहले …..साई के नाम के पहले ॐ लगाने का अधिकार कहा से पाया? जय साई राम ………. श्री मे शक्ति माता निहित है ….श्री शक्तिरूपेण शब्द है ……. जो कि अक्सर भगवान जी के नाम के साथ संयुक्त किया जाता है ……. तो जय श्री राम में से …..श्री तत्व को हटाकर ……साई लिख देने में तुम्हें गौरव महसूस होना चाहिए या शर्म आनी चाहिये?
इस लेख और चित्र में दिये श्री साईं सच्चरित्र प्रमाणों के बाद भी अगर आप साईं को भगवान मानते है तो ये आपकी मर्ज़ी…
जय श्री राम
जय श्री कृष्ण



एक मुस्लिम संत जो की हजारों करोडो पढ़े लिखे और अमिर लोगो, लेकिन मुर्ख हिन्दुओ के द्वारा पूजा जाता है | लाखो पढ़े लिखे हिंदू एक ऐसे मुस्लिम संत के अंध भक्त होकर पूजते है जिसे हम शिरडी के साईं बाबा के नाम से जानते है| वो संत जो खुद एक मस्जिद में रहता था, सबके सामने कुरान पढता था और एक ही संदेश देता था की मुझे मरने के बाद दफना देना,, ना की जला देना, पर अधिकतर मुर्ख लोग उसे समझ नहीं पाए और उसे अपने भगवानो से ऊपर दर्जा देकर एक ऐसे मुर्दे को पूजते है जो स्वयं एक मुसलमान है…
सिर्फ यही नहीं यह पाखंडी खुद को हिंदू देवी देवताओं का अंश बताता था स्वयं में नारायण, शिव, क्रिशन और राम जैसे हजारों देवी देवताओं के रूप में खुद की पूजा करवाता था पर हिंदू मुस्लिम एकता की बात जरुर करता था| ये एक पूरी तरह से एकतरफा कार्य है जिसमे सारा बलिदान केवल हिन्दुओ को ही देना पड़ता है जैसे की साईं राम, इस्लाम ग्रहण करना, मुस्लिम लड़के द्वारा हिंदू लड़की से शादी करना, और हिन्दुओ केबड़े धार्मिक स्थलों में मुसलमानों को ऊँचे पड़ देना आदि, और मुर्ख हिंदू इन बातो को मान भी लेता है बिना ये सोचे की परधर्म में जीना और उससे अपनाने पर लोक परलोक कही भी ठिकाना नहीं मिलता| साईं का केवल एक ही उद्देश्य था जो किसी समय अजमेर के मुस्लिम संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिस्ती ने आरम्भ किया था| साईं का कार्य केवल उस परम्परा का निर्वहन करते हुए हिंदू को और मुर्ख बना कर इस्लाम के और समीप लाकर उनका मतांतरण कराना था| आज भी ९०० सालो की इस्लामी गुलामी के बाद हिंदू धर्म कुछ कमजोर अवश्य हुआ है और इसे दूर करने के लिए ऐसे पाखंडियों के पाखंड और षड्यंत्र को मिटाने की आवश्यकता है|



बाबा शब्द फारसी और इस्लामी संस्कृति का एक शब्द है जिसका हिंदी या संस्कृत में कोई उल्लेख नहीं है परन्तु इसे दुस्प्रचारित किया गया की ये शब्द संस्कृत का है| बाबा एक सूफी संत को मिलने वाली पदवी या नाम है जो मलेशिया के मुस्लिम संतो को मिलती है जब उन्हें कोई इस्लामिक सम्मान मिलता है| बाबा शब्द असल में दादा(पिता के पिता) का ही दूसरा अर्थ है, बाद में ये उस व्यक्ति के लिए प्रयोग में होने लगा जो किसी सनातन संस्कृति को खतम करके इस्लामी सत्ता का ध्वज किसी देश में फहराता है| इसलिए एक तरह से साईं बाबा देश में इस्लामी ध्वज फहराने के लिए पूरी तरह से इस्लामी कठमुल्लो द्वारा प्रचारित किये जा रहे है|
अल्लाह मालिक शब्द ही इस्लामी सत्ता फैला कर साईं के द्वारा हिन्दुओ को मुर्ख बना कर उन्हें धर्म से डिगाना ये सबसे बड़ा उदहारण है साईं के मुस्लिम होने का पर साईं के अंधभक्त अक्सर इस जीते जागते सबूत को ख़ारिज करते रहे है साईं के असली नाम और उसके जनम को लेकर बहुत सी कथाये और कहानिया है यहाँ तक साईं नाम भी शिर्डी हेमाडपंत द्वारा श्री साईं सत्चरित्र में दिया गया है पर ये व्यक्ति कौन है और उसने ये किताब क्यों लिखी इसका आज तक कोई प्रमाण नहीं है और इस किताब का भी कोई एतिहासिक प्रमाण नहीं है की ये किसी हिन्दू द्वारा रचित है
साईं की ये असली फोटो देखिये, क्या इस फोटो में ये हिन्दू लगता है और क्या ऐसा लगता है की इसके अन्दर ऐसी कोई ताकत है जिससे ये लोगो के दुःख दूर कर सकता है. या फिर इसका पहनावा पूरी तरह से मुस्लिम होने के बाद भी ये हिन्दुओ को पूरी तरह से दिग्भ्रमित करके उन्हें मुर्ख बना रहा है ऐसी हजारो साईटस है जो साईं के चमत्कारों का प्रचार करती है जो पूरी तरह से झूठ और फरेब है..
 शिरडी साईं की जिंदगी एक मस्जिद में व्यतीत हुई और उनका अधिकतर समय इस्लामी भगवान “अल्लाह” के लिए जाप करके कटी| लेकिन अधिकतर हिंदू साईं को एक अवतार और देवीय वरदान मान कर उसकी उसी तरह पूजा करते है जैसे की सनातन संस्कृति में की जाति है जो की पूरी तरह से गलत और सनातन संस्कृति के विरुद्ध है| कुछ साईं को स्वामी रामदास की तरह पूजते है तो कुछ शिव की तरह, वही कुछ भगवान दत्तात्रेय की तुलना साईं से करते है, अब तो कुछ सिक्ख भी गुरु नानक के तरह ही साईं को अवतार मान कर साईं को पूजने लगे है जो की खुद सिक्ख परंपरा के खिलाफ है| साईं का सबसे प्रसिद्ध वाक्य है “अल्लाह मालिक है” इसलिए साईं के हिंदू न होने के बहुत से प्रमाण होते हुए भी कुछ साईं भक्त इसे या ये कहते है को वो इसे संत मानते है या फिर कहते है की वे सिर्फ थोडा बहुत इसे मानते है| एक खास तरह का संगठन साईं को भगवन मानने पर उतारू है और साईं के पैसे का स्वयं के लिए उपभोग करके हिंदू मान्यतो को एक नए ही दृष्टिकोण बना रहे है|
कुछ मुर्ख लोगो ने हनुमान स्तुति और दुर्गा चालीसा की तर्ज पर साईं के नाम से साईं आरती और भजन संध्या जैसे जाने कितने ग्रन्थ लिख कर सनातन धर्म की प्राचीन प्रतिष्ठा को आघात पंहुचा कर हिन्दू धर्म को ही दूषित करने से बाज नहीं आ रहे है सनातन धर्म केवल वेड, पुराणों उपनिषदों और शास्त्रों पर आधारित है पर युवा पीढ़ी को जिस तरह से धर्म के नाम पर साईं का पाखंड दिखा कर सनातन धर्म से विमुख किया जा रहा है वो बहुत ही निंदनीय है |


असल में साईं एक इस्लामिक बुद्धि का व्यक्ति और और अल्लाह का एक सिपाही है जिसका काम मुर्ख हिन्दुओ को अपने जाल में फस कर इस्लामिक सत्ता कायम करना है यही काम अजमेर के ख्वाजा चिस्ती ने किया था और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन ने किया.. पर अक्सर लोग इस भूल में जीते रहते है की उनकी तो कब्र है पर साईं की तो मूर्ति है जिसे मुसलमान पूजते है नहीं है और यही पर लोग मुर्ख बन जाते है असल में कुरान के कहे अनुसार साम दाम दंड भेद जैसे भी हो इस्लामी सत्ता कायम करना ही मुसलमानों का फ़र्ज़ है जिसे पूरा करने में साईं ने पूरी इमानदारी दिखाई और आज उसकी इसी बात का फायदा मुसलमान उठा रहे है, यही नहीं जो लोग कहते है साईं की तो मूर्ति है तो उनके लिए एक जानकारी की साईं की एक समाधी या माजर भी है
 शिर्डी के मुख्य द्वार पर साईं बाबा उर्फ़ चाँद मियां की कब्र या समाधी ....

ये जो नीचे फोटो है …… ऐसे फोटो आजकल चोराहों पर लगाकार …भगवान का खुलेआम अपमान और हिन्दुओ को मूर्ख बनाया जा रहा है ? मुस्लिम साई के चक्कर में नहीं पड़ते ….धर्म के पक्के है …..सिर्फ अल्लाह ……. हिन्दू प्रजाति ही हमेशा मूर्ख क्यो बनती है ……
 सनातनी ईश्वरो के स्थान पर साईं को बिठाकर सनातन धर्म का खुलेआम अपमान करते लोग ....

शिर्डी साईं का सनातन धर्म को समाप्त करने का एक षड्यंत्र ----

http://www.voiceofaryas.com/refute/shirdi-sai-a-threat-to-vedic-dharma/

7 comments:

  1. baba ka operation:
    http://www.vedicbharat.com/2013/04/Shirdi-sai-baba-Exposed---must-read.html

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  2. Bilkul sahi ye hindu hamesha he murkh hotey hain or isilia ek hajar varsh tak ye gulam rahey hain .inko bhang ke nashe main rahney ka shok laga hai.

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  3. Logo ke dilodimag me ye cheej bitha di gayi hai isko kaise theek Kare.logo ko chamtkar per bharosa hai per sabse bade bhagvan prathvi per hamare mata pita hai inki aatma ko trapta kar do

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  4. Kuch dhrambhrast aur Gair Hinduo ke prahav ke Karan logo Ko sanatandhram se door karne ke liye ye sajis Rachi gai. Hamare Dharm guruo ne apna kartavya Sahi tarah se nahi nibhaya ,result hamare samne hain.par muhe viswash hai ki sanatan Dharm hi saswat Satya hai.Aur Satya hameha hi
    rahega.subah ka bhula Saam Ko Laut kr ata hi hai

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  5. सांई विधर्मी था

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  6. Saibaba koi bhagwan nai hai ye ek Agenda hai muslimo ka baki hindu bhai khud smjdar hai 🙏🏻

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