तथाकथित नेहरू/गांधी परिवार का सच (भाग- ५ ) .....
के.एन. राव ने अपनी पुस्तक में साफ़ कहा कि राजीव गाँधी ने, तूरिन (इटली) की महिला सानिया माईनो से विवाह
करने के लिये अपना तथाकथित पारसी धर्म छोडकर कैथोलिक ईसाई धर्म अपना लिया था । राजीव गाँधी बन गये थे रोबेर्तो और उनके दो बच्चे हुए जिसमें से लडकी का नाम था "बियेन्का" और लडके का "रॉल" ।बडी ही चालाकी से भारतीय जनता को बेवकूफ़ बनाने के लिये राजीव-सोनिया का हिन्दू रीतिरिवाजों से पुनर्विवाह करवाया गया और
बच्चों का नाम "बियेन्का" से बदलकर प्रियंका और "रॉल" से बदलकर राहुल कर दिया गया... बेचारी भोली-
भाली आम जनता !अब एक और धूर्तता देखिये!भारत में प्रधानमंत्री बनने के बाद ब्रिटेन में हुई एक प्रेस कोंफ्रेंस में
राजीव गाँधी ने दावा किया कि वो हिन्दू नहीं बल्कि पारसी है! अब फिरोइज़ खान के पिता (राजीव के दादा) गुजरात के जुनागड़ के एक मुस्लिम महाशय थे! पंसारी का काम करने वाले इस मुसिम से एक पारसी महिला से शादी कि थी उस महिला को इस्लाम कबूल करवा के! शायद यही से ही राजीव ने अपनी ये पारसी होने कि काल्पनिक कहानी घडी! वैसे इसके पुरखों में कोई भी पारसी नहीं रहा! और राजीव का अन्तिकम संस्कार पुरे भारत के सामने हिन्दू विधि विधान से हुआ है!क्रूरता की हद तो यह थी कि राजीव का अन्तिम संस्कार हिन्दू रीतिरिवाजों के तहत किया गया, ना ही पारसी तरीके से ना ही मुस्लिम तरीके से । इसी नेहरू खानदान की भारत की जनता पूजा करती है, एक इटालियन महिला जिसकी एकमात्र योग्यता यह है कि वह इस खानदान की बहू है आज देश
की सबसे बडी पार्टी की कर्ताधर्ता है और "रॉल" को भारत का भविष्य बताया जा रहा है ।
डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी लिखते हैं कि इस सोनिया गाँधी का नाम अन्तोनिया मायनो था और उसका बाप इटली के कुख्यात फासिस्ट शासन का एक कार्यकर्ता था और उसने रूस में पांच साल के कारावास भोगा! सनिया गाँधी ने हाई स्कूल से ज्यादा शिक्षा तक प्राप्त नहीं की है! कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय परिसर के बाहर अंग्रेजी का ज्ञान देने वाली एक छोटे से स्कूल लेंनोक्स स्कूल से उसने थोड़ी बहुत अंग्रेजी सीखी और अब उसे ही कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से
स्नातक हुआ बताती है! जबकि सच्चाई यह है कि सोनिया स्नातक हैं ही नहीं, वे केम्ब्रिज में पढने जरूर गईं थीं लेकिन केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में नहीं । सोनिया गाँधी केम्ब्रिज में अंग्रेजी सीखने का एक कोर्स करने गई थी, ना कि विश्वविद्यालय में (यह बात हाल ही में लोकसभा सचिवालय द्वारा माँगी गई जानकारी के तहत खुद सोनिया गाँधी ने मुहैया कराई है, उन्होंने बडे ही मासूम अन्दाज में कहा कि उन्होंने कब यह दावा किया था कि वे केम्ब्रिज की स्नातक हैं, अर्थात उनके चमचों ने यह बेपर की उडाई थी)। थोड़ी बहुत अंग्रेजी सीखने के बाद उसने कैम्ब्रिज में एक होटल में वेट्रेस का काम किया! इंग्लैंड में सोनिया गाँधी कि माधव राव सिंधिया के साथ बहुत गहरी दोस्ती थी जोकि उसकी शादी एक बाद तक चली! 1982 में एक बार रात को 2 बजे दोनों एक ही कार में साथ साथ पकडे गए थे जब आई.आई.टी. दिल्ली मेन गेट के पास उनकी कार दुर्घत्नाघ्रस्त हो गयी थी! जब इंदिरा गांधी और राजीव
गांधी प्रधानमंत्री थे , तब प्रधानमंत्री सुरक्षा बल नई दिल्ली और चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आया जाया करते थे जहाँ से भारत के मंदिर की कीमती मूर्तियां, प्राचीन वस्तुएँ, पेंटिंग्स क्रेट में भरकर रोम भेज दी जाती थी! पहले मुख्यमंत्री और बाद में केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह इस लूट का पूरा आयोजन किया करते थे! सीमा शुल्क से बचते हुए बिना कोई कस्टम ड्यूटी दिए , इटली में पहुंचा दी जाती थी! ये सारा खजाना सोनिया गांधी की बहन
अलेस्संद्र माइनो विंची के स्वामित्व वाली दो दुकानों में मुफ्त के भाव बेच दिया जाता थी जिनके नाम क्रमश
एत्निका और गणपति थे! अब ज़रा इस परिवार के अन्दर के षड्यंत्रकारियों और सत्ता हथ्याने की उनकी चालाकियों के बारे में जान लिया जाये! इंदिरा गाँधी को बेशक गोलिया मरी गयी थी लेकिन उनकी मृत्यु उनके दिल या दिमाग
को गोलियां द्वारा बेधने से नहीं हुई, बल्कि बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण हुई थी! जब इंदिरा गाँधी को गोली लग चुकी थी तब सोनिया गाँधी ने अजीब व्यवहार करते हुए बजाय इंदिरा को एम्स ले जाने के (जहाँ इस तरह कि घटनाओ से निपटने के लिए प्रोटोकॉल था), बल्कि उसकी विपरीत दिशा में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में ले जाने पर जोर दिया! और बाद में अपना मन बदलते हुए फिर से फैसला बदला और इंदिरा को एम्स लाया गया!
इस बीच करीब 24 मिनट बर्बाद हुए! जब एक एक सेकण्ड मौत करीब आ रही हो तब 24 मिनट की कीमत शायद
सोनिया अच्छे से जानती थी! अब ये तो भगवान् ही जानते होंगे कि ये सोनिया की मुर्खता थी या अपने पति को सत्ता दिलवाने के लिए की गयी चालाकी! अच्छा अब जरा इस पर ध्यान दें! राजेश पायलट और माधव राव सिंधिया प्रधानमंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार थे और वे सोनिया गांधी की सत्ता के रास्ते में रोड़ा थे. दोनों की ही हस्यमय
दुर्घटनाओं में मृत्यु हो गई इस बात की और इशारा करने वाले भी पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि माइनो परिवार (सोनिया गाँधी का इटालियन परिवार, जिसमे इटालियन माफिया भी शामिल है ) ने ही राजीव गांधी की हत्या के
लिए लिट्टे समुदाय को अनुबंधित किया! आजकल, सोनिया गांधी एमडीएमके, पीएमके और द्रमुक जैसे पार्टियों के
साथ राजनीतिक गठबंधन करती है जो राजीव गांधी के हत्यारों की प्रशसा करने में नहीं शर्माते थे! कम से कम एक
भारतीय विधवा तो ऐसा कभी नहीं करेगी! राजीव की हत्या में सोनिया की भागीदारी के लिए एक जांच की जानी चाहिए !
विस्तार से जानने के लिए आप डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी की पुस्तक “Assassination Of Rajiv
Gandhi — Unasked
Questions and Unanswered
Queries” (ISBN :81-220-0591-8) पढ़ सकते हैं!.
यह इस तरह के षड्यंत्र का संकेत करती है
जय हिन्द !!
कुछ और भी कांग्रेस के कारनामे अगले भाग में
के.एन. राव ने अपनी पुस्तक में साफ़ कहा कि राजीव गाँधी ने, तूरिन (इटली) की महिला सानिया माईनो से विवाह
करने के लिये अपना तथाकथित पारसी धर्म छोडकर कैथोलिक ईसाई धर्म अपना लिया था । राजीव गाँधी बन गये थे रोबेर्तो और उनके दो बच्चे हुए जिसमें से लडकी का नाम था "बियेन्का" और लडके का "रॉल" ।बडी ही चालाकी से भारतीय जनता को बेवकूफ़ बनाने के लिये राजीव-सोनिया का हिन्दू रीतिरिवाजों से पुनर्विवाह करवाया गया और
बच्चों का नाम "बियेन्का" से बदलकर प्रियंका और "रॉल" से बदलकर राहुल कर दिया गया... बेचारी भोली-
भाली आम जनता !अब एक और धूर्तता देखिये!भारत में प्रधानमंत्री बनने के बाद ब्रिटेन में हुई एक प्रेस कोंफ्रेंस में
राजीव गाँधी ने दावा किया कि वो हिन्दू नहीं बल्कि पारसी है! अब फिरोइज़ खान के पिता (राजीव के दादा) गुजरात के जुनागड़ के एक मुस्लिम महाशय थे! पंसारी का काम करने वाले इस मुसिम से एक पारसी महिला से शादी कि थी उस महिला को इस्लाम कबूल करवा के! शायद यही से ही राजीव ने अपनी ये पारसी होने कि काल्पनिक कहानी घडी! वैसे इसके पुरखों में कोई भी पारसी नहीं रहा! और राजीव का अन्तिकम संस्कार पुरे भारत के सामने हिन्दू विधि विधान से हुआ है!क्रूरता की हद तो यह थी कि राजीव का अन्तिम संस्कार हिन्दू रीतिरिवाजों के तहत किया गया, ना ही पारसी तरीके से ना ही मुस्लिम तरीके से । इसी नेहरू खानदान की भारत की जनता पूजा करती है, एक इटालियन महिला जिसकी एकमात्र योग्यता यह है कि वह इस खानदान की बहू है आज देश
की सबसे बडी पार्टी की कर्ताधर्ता है और "रॉल" को भारत का भविष्य बताया जा रहा है ।
डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी लिखते हैं कि इस सोनिया गाँधी का नाम अन्तोनिया मायनो था और उसका बाप इटली के कुख्यात फासिस्ट शासन का एक कार्यकर्ता था और उसने रूस में पांच साल के कारावास भोगा! सनिया गाँधी ने हाई स्कूल से ज्यादा शिक्षा तक प्राप्त नहीं की है! कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय परिसर के बाहर अंग्रेजी का ज्ञान देने वाली एक छोटे से स्कूल लेंनोक्स स्कूल से उसने थोड़ी बहुत अंग्रेजी सीखी और अब उसे ही कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से
स्नातक हुआ बताती है! जबकि सच्चाई यह है कि सोनिया स्नातक हैं ही नहीं, वे केम्ब्रिज में पढने जरूर गईं थीं लेकिन केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में नहीं । सोनिया गाँधी केम्ब्रिज में अंग्रेजी सीखने का एक कोर्स करने गई थी, ना कि विश्वविद्यालय में (यह बात हाल ही में लोकसभा सचिवालय द्वारा माँगी गई जानकारी के तहत खुद सोनिया गाँधी ने मुहैया कराई है, उन्होंने बडे ही मासूम अन्दाज में कहा कि उन्होंने कब यह दावा किया था कि वे केम्ब्रिज की स्नातक हैं, अर्थात उनके चमचों ने यह बेपर की उडाई थी)। थोड़ी बहुत अंग्रेजी सीखने के बाद उसने कैम्ब्रिज में एक होटल में वेट्रेस का काम किया! इंग्लैंड में सोनिया गाँधी कि माधव राव सिंधिया के साथ बहुत गहरी दोस्ती थी जोकि उसकी शादी एक बाद तक चली! 1982 में एक बार रात को 2 बजे दोनों एक ही कार में साथ साथ पकडे गए थे जब आई.आई.टी. दिल्ली मेन गेट के पास उनकी कार दुर्घत्नाघ्रस्त हो गयी थी! जब इंदिरा गांधी और राजीव
गांधी प्रधानमंत्री थे , तब प्रधानमंत्री सुरक्षा बल नई दिल्ली और चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आया जाया करते थे जहाँ से भारत के मंदिर की कीमती मूर्तियां, प्राचीन वस्तुएँ, पेंटिंग्स क्रेट में भरकर रोम भेज दी जाती थी! पहले मुख्यमंत्री और बाद में केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह इस लूट का पूरा आयोजन किया करते थे! सीमा शुल्क से बचते हुए बिना कोई कस्टम ड्यूटी दिए , इटली में पहुंचा दी जाती थी! ये सारा खजाना सोनिया गांधी की बहन
अलेस्संद्र माइनो विंची के स्वामित्व वाली दो दुकानों में मुफ्त के भाव बेच दिया जाता थी जिनके नाम क्रमश
एत्निका और गणपति थे! अब ज़रा इस परिवार के अन्दर के षड्यंत्रकारियों और सत्ता हथ्याने की उनकी चालाकियों के बारे में जान लिया जाये! इंदिरा गाँधी को बेशक गोलिया मरी गयी थी लेकिन उनकी मृत्यु उनके दिल या दिमाग
को गोलियां द्वारा बेधने से नहीं हुई, बल्कि बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण हुई थी! जब इंदिरा गाँधी को गोली लग चुकी थी तब सोनिया गाँधी ने अजीब व्यवहार करते हुए बजाय इंदिरा को एम्स ले जाने के (जहाँ इस तरह कि घटनाओ से निपटने के लिए प्रोटोकॉल था), बल्कि उसकी विपरीत दिशा में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में ले जाने पर जोर दिया! और बाद में अपना मन बदलते हुए फिर से फैसला बदला और इंदिरा को एम्स लाया गया!
इस बीच करीब 24 मिनट बर्बाद हुए! जब एक एक सेकण्ड मौत करीब आ रही हो तब 24 मिनट की कीमत शायद
सोनिया अच्छे से जानती थी! अब ये तो भगवान् ही जानते होंगे कि ये सोनिया की मुर्खता थी या अपने पति को सत्ता दिलवाने के लिए की गयी चालाकी! अच्छा अब जरा इस पर ध्यान दें! राजेश पायलट और माधव राव सिंधिया प्रधानमंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार थे और वे सोनिया गांधी की सत्ता के रास्ते में रोड़ा थे. दोनों की ही हस्यमय
दुर्घटनाओं में मृत्यु हो गई इस बात की और इशारा करने वाले भी पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि माइनो परिवार (सोनिया गाँधी का इटालियन परिवार, जिसमे इटालियन माफिया भी शामिल है ) ने ही राजीव गांधी की हत्या के
लिए लिट्टे समुदाय को अनुबंधित किया! आजकल, सोनिया गांधी एमडीएमके, पीएमके और द्रमुक जैसे पार्टियों के
साथ राजनीतिक गठबंधन करती है जो राजीव गांधी के हत्यारों की प्रशसा करने में नहीं शर्माते थे! कम से कम एक
भारतीय विधवा तो ऐसा कभी नहीं करेगी! राजीव की हत्या में सोनिया की भागीदारी के लिए एक जांच की जानी चाहिए !
विस्तार से जानने के लिए आप डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी की पुस्तक “Assassination Of Rajiv
Gandhi — Unasked
Questions and Unanswered
Queries” (ISBN :81-220-0591-8) पढ़ सकते हैं!.
यह इस तरह के षड्यंत्र का संकेत करती है
जय हिन्द !!
कुछ और भी कांग्रेस के कारनामे अगले भाग में
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