कुत्ते मारने वाला रसूल !!
इस्लाम में कुरान के बाद हदीसों को ही प्रमाण माना जाता है ,क्योंकि उनमे मुहम्मद साहब के कथन संग्रहित हैं |
अधिकांश इस्लामी देशों में उन्हीं के आधार पर कानून भी बनाये गए हैं |
लेकिन कुरान की तरह हदीसों में भी परस्पर विरोधी बातों भरमार है | जहाँ एक
हदीस किसी काम को गुण , या अच्छा काम बताती है , तो ऐसी कई हदीसें मिल जाती
हैं , जो उस से उलटा काम करने का हुक्म देती हैं |
उदाहरण के लिए पिछले महीने एक इस्लामी ब्लॉग पढ़ा , जिसमे यह साबित करने
की कोशिश की गयी थी, कि इस्लाम भी सभी प्राणियों पर दया करने की शिक्षा
देता है , और अल्लाह जानवरों पर दया करने वालों के सभी गुनाह माफ़ कर देता
है , और इसी बात को साबित करने के लिए एक हदीस भी दी गयी थी ,परन्तु उसी
विषय पर और हदीसें पढ़ने से दी गयी हदीस के दावों का भंडा फ़ूट गया |
इस बात को और स्पष्ट करने के लिए पहले वह हदीस दी जा रही है , जिसमे
जानवरों पर दया करने की बात की गयी है , फिर ऐसी हदीसें दी जाएगी, जो
जानवरों की हत्या करने और उनपर क्रूरता करने का हुक्म देती है , और आखिर
में उन बेतुकी हदीसों के आधार बने हुए इस्लामी कानून की प्रष्ठभूमि दी जा
रही है ,
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