असम दंगो के बाद अब बंगाल में असर
कुछ महीनो पहले बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा असम के उपरी इलाको में किये गये विनाशकारी दंगो और ३०० से अधिक हिन्दुओ की मौत और 7 लाख से अधिक हिन्दुओ के बेघर होने की घटना के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई सबक न लिया, इसी से जिहादी तत्वों के होंसले बढे और सोमवार को पश्चिमी बंगाल के 24 परगना में हथियारों से लैस 15000 मुसलमानों ने नोलिखाली में हिन्दुओ के गाँव पर न केवल हमला किया बल्कि 30 से अधिक हिन्दुओ की हत्या के बाद गाँव के गाँव और सभी खेत जला दिए,इस्लाम में शांति और अमन चैन
एक बार फिर इस्लाम के शांति के दूतो ने दिखा दिया है की वे कितने शांतिप्रिय है और साबित कर दिया है दुनिया को इस्लाम के झंडे तले झुकाने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना कर ही रहेंगे चाहे उसके लिए कितने ही इंसानों का क़त्ल करना पड़े, निर्दोशो के गाँव घर जलाने पड़े या खून खराबा करना पड़े, ताजा मामला सामने आया है बंगाल के 24 परगना में जहा इस्लामिक जिहादियो ने तांडव मचाते हुए 700 से अधिक गाँव जला डाले और अपुष्ट खबरों के अनुसार करीब 30 से अधिक हिन्दू अब तक मारे जा चुके है, पूरा घटनाक्रम बहुत ही हास्यास्पद है, केवल एक धार्मिक नेता की हत्या के बाद बिना कुछ जाने, अफवाहों के दम पर 15000 से अधिक जिहादियो ने हिन्दुओ के गांवों को घेर कर उन्हें आग लगा दी और कत्लेआम कियाक्या है पूरी घटना??
18-2-2013 नोलाखाली गाँव, 60 साल के एक मुस्लिम नेता जामतला गांव में एक धार्मिक समारोह में शिरकत करने गये थे। धार्मिक समारोह से वह रात को अपनी मोटरसाइकिल से घर लोट रहे थे की अचानक उनकी गाडी का पीछा करने वाले कुछ बदमाशो ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी । इस घटना में मोटरसाइकल चालक घायल हो गया। यह घायल शख्स किसी भी तरह एक सुरक्षित जगह पर पहुंचा और अपने संबंधियों व दोस्तों से संपर्क स्थापित किया। इसके बाद धीरे धीरे पुरे इलाके में ये अफवाह फैलने लगी की मुस्लिम नेता की हत्या में नोलाखाली जो की एक हिन्दू बहुल गाँव है के ही किसी व्यक्ति का हाथ है, इसके बाद हजारो मुसलमान उस घटनास्थल पर जमा होने लगे और बाकी लोगों को उस स्थान पर बुलाने के लिए संपर्क करने लगे । शुरू में पुलिस ने इस समस्या को हलके में लिया और लोगों को हटाने के लिए एक जूनियर ऑफिसर और दो कॉन्स्टेबल को भेजा। देखते-देखते भीड़ उग्र हो गई और हिंसा पर उतारू हो गई। कई हजारो मुसलमान ट्रको से भर भर कर नोलाखाली में आने लगे, इन लोगों ने सड़क जाम कर दिया और रेलवे ट्रैक की पटरियां उखाड़ कर उसे को बाधित कर दिया। फिर क्या था हजारो मुसलमानो की इस भीड़ ने गांव के 200 घरों को आग के हवाले कर दिया और कई घरों को लूट लिया।जिहादियो द्वारा हिन्दूओ के जलाए खेत और घर
केवल अफवाह या सुनियोजित षड्यंत्र और मीडिया की बेरुखी
ये एक सुनियोजित हमला था जिसमे हजारो मुसलमानो ने पूरी योजना के साथ हिन्दुओ के गाँवो पर हमले किये और उनके खेत, घाट व् संपत्ति को जलाया, सबसे अधिक हैरानी वाली बात ये है की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस पुरे मामले को दबाने के षड्यंत्र में लगी हुई है और जो भी खबरे आ रही है वे केवल प्रिंट मीडिया दे रही है या सोशल मीडिया(फेसबुक, ट्विटर) पर बंगाल के कुछ हिन्दू या कुछ देशभक्त चैनल(सुदर्शन टीवी) ही इस पुरी खबर को दिखा रहे है, इससे भी अधिक शोचनीय ये बात है की केंद्र या राज्य सरकार का कोई ऑफिसर या मंत्री घटनास्थल पर नहीं पहुंचा है, गुजरात दंगो पर छातियाँ कूटने वाले सेक्युलर जमात के छदम देशभक्त व् नक्सली अलगाववादियों को समर्थन देने कुछ तथाकथित राजनितिक व सामाजिक बुद्धिजीवी भी इस पर मौन हैनवभारत में छपी खबर प
हिन्दुओ के जले हुए घर
सुदर्शन न्यूज़ द्वारा खबर का प्रसारण और हिन्दू संहति के अध्यक्ष तपन घोष द्वारा घटना की जानकारी
सुदर्शन न्यूज़ पर हिन्दू संहति के तपन घोष बताते है की एक पुलिस अफसर अनूप बुरी तरह से घायल हो गया है। वहा पुलिस की दो गाड़िया जला दी गइ है। पुलिस वहा मुस्लिम से हिन्दुओ की रक्छा करने में पूरी तरह से नाकाम हो रही है। पुलिस वह पर इसलिए नाकाम हो रही है क्योकि वहा बहुत ज्यादा मुसलमान आ गए है। मुझे अभी जानकारी मिली है की कोलकत्ता के गार्डेन हिल जहा कल एक इंस्पेक्टर का क़त्ल हो गया था, वहा से कम से कम 100-150 ट्रक भर भर कर मुसलमान वहा पर पहुचे है। इतनी ज्यादा मुसलमान वह हजारो की संख्या में पहच गए है की पुलिस बिलकुल नाकाम हो गयी है। मुस्लिमो ने हिन्दुओ के नार्निया खली गाव को सुबह ही जल दिया था। अब वो हिन्दुओ के बाकि गावो को जला रहे है। सरकार इस न्यूज़ को पूरी तरह से दबाने में लगी है।तपन घोष बताते है की वह की इस्थिति और भी ज्यादा ख़राब हो सकती है। प्रसाशन को जो शख्ती अपनानी चाहिए थी वो वो नहीं अपना रही है। पुलिस को गोली चलानी चाहिए जो की वो नहीं चला सकती है। यहाँ बंगाल में 30% से ज्यादा मुसलमान हो गए है। और मुसलमान नेताओ को वोट की धमकी देते है। इमाम खुले मीटिंग में ममता बेनर्जी को धमकी देता है।
सुदर्शन न्यूज़ चैनल आप देख सकते हैं:
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अगर आपका केबल ओपरेटर सुदर्शन नही दिखाता तो उसे मांगना आप का हक़ है।
https://www.youtube.com/watch?v=uNzSzFnaQqY&feature=player_embedded
बंगाल के दंगे – नोलिखाली के निवासियों द्वारा आपबीती
विश्वजीत सरदार कहते हैं, ‘हजारों हमलावरों ने सुबह के 10 बजे हमारे घरों पर हमला कर दिया। चौंकानेवाली बात यह है कि पुलिस वहां खड़ा होकर मुंह ताक रही थी।’ हमलावरों ने विश्वजीत के दो मंजिले घर को जला दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्यादातर हमलावर बाहर के थे। उनके हाथों में बम थे। वे हमारे घरों पर पेट्रोल झिड़क रहे थे और आग लगा दे रहे थे। गांव के संतन अधिकारी का कहना है कि जिन लोगों ने उनका विरोध किया, उनकी हमलावरों ने जमकर पिटाई की। हमलावर 3 घंटे तक लोगों का घर जलाते रहे और पुलिस कुछ नहीं कर पा रही थी।Hindu Devastation in 4 villages of Canning in South 24 Parganas district on 19 Feb, 2013 by rampaging fanatic Muslim mob. There is no mainstream media coverage of this massive Hindu Genocide in Bengal. Mainstream media is busy reporting Gujarat riots. Every Hindu has to join or start working in Media or Social media if they want to survive. Mainstream media will never show the Truth of Hindu prosecution. After Kasmir, Assam now its turn of Bengal.
नालिखाली गाँव के निवासियों का कहना है की मुस्लिम नेता की हत्या के पीछे कोई सबूत नहीं था, यहाँ तक की पुलिस की जांच भी नहीं हुई थी, केवल शक और अफवाह के बाद हजारो लोग अचानक हथियारों से लैस होकर आये और हिन्दुओ पर हमले करने शुरू कर दिए – शक्तिपाडा अधिकारी, एक बुजुर्ग गांववासी जो अपने जले हुए घर के बाहर शोकाकुल खड़ा था
“Police stood by and watched as thousands of men stormed our village around 10am,” said Biswajit Sardar, whose two-storied building was torched in the violence. Others alleged that most of the attackers were outsiders, who hurled bombs at houses, poured petrol and set them ablaze. “Whoever dared to protest was beaten up,” said villager Sanatan Adhikari. The rampage continued for three hours.
The Hindu villagers in Naliakhali say they had no clue about the murder. “It was only at dawn, when police arrived, that we came to know of the killing,” said Shaktipada Adhikari, an elderly villager whose house near the crime scene was reduced to ashes.
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