कुरान में मुसलमानों से वादा किया गया है कि मरने के बाद उनको जन्नत में
कुंवारी और सुन्दर हूरें दी जाएँगी | और साथ में सुन्दर अल्पायु के लडके भी
दिए जायेंगे जिन्हें "गिलमा " कहा जाता | क्योंकि मुसलमान लड़कों के भी
शौक़ीन होते हैं | वह जन्नत में जाये बिना ही यहीं अपनी इच्छा पूरी करते
आये हैं | इसी के बारे में जानकारी दी जा रही है.......
यदि कोई व्यक्ति दुर्भावना रहित निष्पक्ष रूप से इस्लामी साहित्य, मुस्लिम शासकों का इतिहास और मुसलमानों आचार विचारका गंभीर अध्यन करने पर आसानी से इस बात का निष्कर्ष निकला जा सकता ,कि है हरेक कुकर्म और अपराध का सम्बन्ध इसी गलत धार्मिक शिक्षा से है |
ऐसा ही एक दुर्गुण है जो इस्लाम के साथ ही सम्पूर्ण विश्व में फ़ैल गया है, जिसको समलैंगिकता ( Homo sexuality ) भी कहते हैं | और दूसरा दुर्गुण अफगानिस्तान, पाकिस्तान और में मौजूद है जिसे "बच्चा बाजी " कहा जाता है |
इसी तरह भारत में हिजड़ों कि प्रथा भी मुस्लिम शासक ही लाये थे यह ऐसे लडके या पुरुष होते हैं, जिनका पुरुषांग काट दिया जाता ताकि वह स्त्री जैसे दिखें | और जब वह हरम में काम करें तो वहां की औरतों से कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना सकें |
समलैंगिकता इस्लाम से पूर्व और इस्लाम के बाद भी किसी न किसी रूप से मुस्लिम देशों में मौजूद है | इसके लिए हमें कुरान, हदीस और इतिहास का सहारा लेना जरुरी है अपने हरमों में हिजड़ों को रखना इस्लाम की पुरानी परंपरा है | और रसूल के घर में भी हिजड़े रहते थे, और कभी रसूल खुद हिजड़े खरीदते थे, जो इन हदीसों और सीरत से पता चलता है,
"अमीरुल मोमिनीन आयशा ने कहा कि एक हिजड़ा रसूल के पास आता था और एक दिन जब रसूल घर में घुसे तो उनकी पत्नियाँ औरतों के बारे में चर्चा कर रही थी कि जब औरत आगे बढाती है तो चार गुनी और पीछे चलती है तो उनका पेट आठ गुना निकलता है | रसूल बोले मुझे इस बात पर विश्वास नहीं, शायद यह हिजड़ा अधिक जानता हो | तब औरतों ने उस हिजड़े से पर्दा कर लिया |
इस्लाम से पहिले अरब के लोग सुन्दर लड़कों के साथ कुकर्म करते थे, यह खुद कुरान से साबित होता है, जो कहती है
"जब हमारे फ़रिश्ते लड़कों के रूप में लूत ( एक नबी ) के पास गए, तो वह उन लड़कों के बारे में चिंतित हो गया | और खुद को बेबस समझाने लगा, क्योंकि उसकी जाति लोग लडके देखते ही उसके घर की तरफ दौड़े आ रहे थे | क्योंकि वह लोग हमेशा से ऐसा कुकर्म करते रहते थे | लूत ने उन से कहा हे लोगो यह मेरी बेटियां हैं जो लड़कों से अधिक उपयोगी हैं और बिलकुल पाक हैं , तुम लड़कों से साथ कुकर्म करके मुझे लज्जित नहीं करो | क्या तुम में कोई भला आदमी नहीं है, वह बोले हमें तेरी बेटियों से कोई मतलब नहीं | तुम तो जानते हो की हमारा असली इरादा क्या है "
भारत सभी देशभक्त और धर्मप्रेमी लोगों से अनुरोध है कि, किसी प्रकार के झूठे प्रचार में नहीं फंसें | इस्लाम को ठीक से समझें ? आने वाले खतरों से सचेत होकर देश धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध हो | और जिनको किसी ने हिजड़ा बना दिया हो वह हमें क्षमा करें.....
http:// hindurashtra.wordpress.com/ 2013/02/14/522/
यदि कोई व्यक्ति दुर्भावना रहित निष्पक्ष रूप से इस्लामी साहित्य, मुस्लिम शासकों का इतिहास और मुसलमानों आचार विचारका गंभीर अध्यन करने पर आसानी से इस बात का निष्कर्ष निकला जा सकता ,कि है हरेक कुकर्म और अपराध का सम्बन्ध इसी गलत धार्मिक शिक्षा से है |
ऐसा ही एक दुर्गुण है जो इस्लाम के साथ ही सम्पूर्ण विश्व में फ़ैल गया है, जिसको समलैंगिकता ( Homo sexuality ) भी कहते हैं | और दूसरा दुर्गुण अफगानिस्तान, पाकिस्तान और में मौजूद है जिसे "बच्चा बाजी " कहा जाता है |
इसी तरह भारत में हिजड़ों कि प्रथा भी मुस्लिम शासक ही लाये थे यह ऐसे लडके या पुरुष होते हैं, जिनका पुरुषांग काट दिया जाता ताकि वह स्त्री जैसे दिखें | और जब वह हरम में काम करें तो वहां की औरतों से कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना सकें |
समलैंगिकता इस्लाम से पूर्व और इस्लाम के बाद भी किसी न किसी रूप से मुस्लिम देशों में मौजूद है | इसके लिए हमें कुरान, हदीस और इतिहास का सहारा लेना जरुरी है अपने हरमों में हिजड़ों को रखना इस्लाम की पुरानी परंपरा है | और रसूल के घर में भी हिजड़े रहते थे, और कभी रसूल खुद हिजड़े खरीदते थे, जो इन हदीसों और सीरत से पता चलता है,
"अमीरुल मोमिनीन आयशा ने कहा कि एक हिजड़ा रसूल के पास आता था और एक दिन जब रसूल घर में घुसे तो उनकी पत्नियाँ औरतों के बारे में चर्चा कर रही थी कि जब औरत आगे बढाती है तो चार गुनी और पीछे चलती है तो उनका पेट आठ गुना निकलता है | रसूल बोले मुझे इस बात पर विश्वास नहीं, शायद यह हिजड़ा अधिक जानता हो | तब औरतों ने उस हिजड़े से पर्दा कर लिया |
इस्लाम से पहिले अरब के लोग सुन्दर लड़कों के साथ कुकर्म करते थे, यह खुद कुरान से साबित होता है, जो कहती है
"जब हमारे फ़रिश्ते लड़कों के रूप में लूत ( एक नबी ) के पास गए, तो वह उन लड़कों के बारे में चिंतित हो गया | और खुद को बेबस समझाने लगा, क्योंकि उसकी जाति लोग लडके देखते ही उसके घर की तरफ दौड़े आ रहे थे | क्योंकि वह लोग हमेशा से ऐसा कुकर्म करते रहते थे | लूत ने उन से कहा हे लोगो यह मेरी बेटियां हैं जो लड़कों से अधिक उपयोगी हैं और बिलकुल पाक हैं , तुम लड़कों से साथ कुकर्म करके मुझे लज्जित नहीं करो | क्या तुम में कोई भला आदमी नहीं है, वह बोले हमें तेरी बेटियों से कोई मतलब नहीं | तुम तो जानते हो की हमारा असली इरादा क्या है "
भारत सभी देशभक्त और धर्मप्रेमी लोगों से अनुरोध है कि, किसी प्रकार के झूठे प्रचार में नहीं फंसें | इस्लाम को ठीक से समझें ? आने वाले खतरों से सचेत होकर देश धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध हो | और जिनको किसी ने हिजड़ा बना दिया हो वह हमें क्षमा करें.....
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