हम अपनी “हिंदी” भाषा को उचित स्थान
नहीं देते हैं अपितु
अंग्रेजी जैसी भाषा का प्रयोग करने में
गर्व महसूस करते हैं ?
कोरिया का उदहारण ले तो वह
बिना इंग्लिश को अपनाए हुए ही विकसित
हुए हैं और हम समझते हैं की इंग्लिश के
बिना आगे नहीं बढा जा सकता।
हिन्दी प्रेमियों, चीन, रूस, फ्रांस,
इसराइल, जर्मनी, कोरीया जापान और इन
जैसे कई अन्य देशों को देखें जिन्होने
अपनी मातृभाषा के दम पर विकास
किया है| इन देशों के लोग अँग्रेज़ी बोलने मे
शर्म करते हैं और
अपनी मातृभाषा को ज़्यादा महत्व देते हैं|
प्रथम कक्षा से लेकर स्नातक स्तर तक इन
देशों मे शिक्षा का माध्यम
इनकी मातृभाषा ही है, अँग्रेज़ी नही| फिर
भी ये हमसे कहीं आयेज हैं|
*हिन्दी के प्रभाव और क्षमता को अब
विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी सलाम
कर रही है। विश्व में मोबाइल की सबसे
बड़ी कंपनी नोकिया ने हाल ही लन्दन में
अपने तीन नए मॉडल बाजार में उतारे।
आपको ये जानकर खुशी होगी कि इन
तीनो मॉडल्स को कंपनी ने
हिन्दी का नाम दिया है। इन्हें अमेरिका,
यूरोप और एशिया यानी पूरी दुनिया में
आशा-300 और आशा-200 मॉडल के फोन
लांच किए जाएंगे।
*जुरासिक पार्क जैसी अति प्रसिध्द
हॉलीवुड फ़िल्म को भी अधिक मुनाफ़े के
लिए हिंदी में डब
किया जाना जरूरी हो गया । इसके
हिंदी संस्करण ने भारत में इतने पैसे कमाए
जितने अंग्रेजी संस्करण ने पूरे विश्व में
नहीं कमाए थे ।
*अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 114
मिलियन डॉलर की एक विशेष
राशि अमरीका में हिंदी, चीनी और
अरबी भाषाएं सीखाने के लिए स्वीकृत
की है । इससे स्पष्ट होता है कि हिंदी के
महत्व को विश्व में कितनी गंभीरता से
अनुभव किया जा रहा है ।
*अनेक देश हिंदी कार्यक्रम प्रसारित कर
रहे हैं, जिनमें बीबीसी, यूएई क़े 'हम एफ-
एम' ,जर्मनी के डॉयचे वेले, जापान के
एनएचके वर्ल्ड और चीन के
चाइना रेडियो इंटरनेशनल
की हिंदी सेवा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
*हॉलीवुड ने पहचानी हिन्दी की ताकत –
बहुचर्चित मशहूर ओर
कामयाबी का नया इतिहास रचने
वाली चलचित्र ( फ़िल्म) को दिया वैश्विक
हिन्दी नाम 'अवतार' । अवतार शब्द
का अर्थ यह है कि पृथ्वी में आना।हॉलीवुड
की मशहूर फ़िल्म "अवतार"
दुनिया की सबसे ज़्यादा कमाई करने
वाली चलचित्र ( फ़िल्म) बन गई है ।
हिन्दी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब
ट्विटर हिन्दी में ::-----:----:हि न्दी के
बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब ट्विटर
हिन्दी में भी अपनी सेवा शुरू करने
जा रही है ।ट्विटर बहुत ही तेजी से
इंटरनेट पर लोकप्रिय
हो रही माइक्रोब्लॉगिंग नेटवर्किंग
सेवा है। सामाजिक मेलजोल की लोकप्रिय
साइट ‘ट्विटर’ के भारतीय प्रशंसकों के
लिए एक खुशखबरी। ट्विटर ने 14 सितम्बर
२०११ हिन्दी दिवस के अवसर
अपना हिन्दी वर्जन पेश किया।
जब आठवां विश्व हिन्दी सम्मेलन हिंदी में
बोले संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-
मून:-----:-- -आठवां विश्व हिन्दी सम्मेलन,
अमरीका के न्यूयार्क शहर में 13-15
जुलाई, 2007 को आयोजित किया गया।
सम्मेलन का मुख्य विषय " विश्व मंच पर
हिन्दी " था। सम्मेलन का उद्घाटन
समारोह संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में
संपन्न हुआ। विश्व के समस्त
हिंदी प्रेमियों और कर्मियों के लिए संयुक्त
राष्ट्र संघ के सभा कक्ष में पहली बार आठवें
विश्व हिंदी सम्मेलन का शुभारंभ होना एक
ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है ।
क्या हमें अँग्रेजी की गुलामी छोडकर
हिन्दी को महत्व
नहीं देना चाहिए ?"भारत की सिर्फ़ सात
प्रतिशत जनसंख्या अँग्रेजी बोलती है
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान
हमारा"
!!जागो भारतीय जागो !!
सबसे स्वतंत्र रस जो भी अनघ पियेगा
पूरा जीवन केवल वह वीर जियेगा!
"डूबती कश्ती को अब
किनारा देना होगा ,
लडखडाते देश को हमें सहारा देना होगा,
लिखना है इतिहास हमे अपने हिन्द का,
फिर इस काम में लहू हमें
हमारा देना होगा !"
जय हिन्द जय भारत जय हिंदुत्व जय
महाकाल
नहीं देते हैं अपितु
अंग्रेजी जैसी भाषा का प्रयोग करने में
गर्व महसूस करते हैं ?
कोरिया का उदहारण ले तो वह
बिना इंग्लिश को अपनाए हुए ही विकसित
हुए हैं और हम समझते हैं की इंग्लिश के
बिना आगे नहीं बढा जा सकता।
हिन्दी प्रेमियों, चीन, रूस, फ्रांस,
इसराइल, जर्मनी, कोरीया जापान और इन
जैसे कई अन्य देशों को देखें जिन्होने
अपनी मातृभाषा के दम पर विकास
किया है| इन देशों के लोग अँग्रेज़ी बोलने मे
शर्म करते हैं और
अपनी मातृभाषा को ज़्यादा महत्व देते हैं|
प्रथम कक्षा से लेकर स्नातक स्तर तक इन
देशों मे शिक्षा का माध्यम
इनकी मातृभाषा ही है, अँग्रेज़ी नही| फिर
भी ये हमसे कहीं आयेज हैं|
*हिन्दी के प्रभाव और क्षमता को अब
विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी सलाम
कर रही है। विश्व में मोबाइल की सबसे
बड़ी कंपनी नोकिया ने हाल ही लन्दन में
अपने तीन नए मॉडल बाजार में उतारे।
आपको ये जानकर खुशी होगी कि इन
तीनो मॉडल्स को कंपनी ने
हिन्दी का नाम दिया है। इन्हें अमेरिका,
यूरोप और एशिया यानी पूरी दुनिया में
आशा-300 और आशा-200 मॉडल के फोन
लांच किए जाएंगे।
*जुरासिक पार्क जैसी अति प्रसिध्द
हॉलीवुड फ़िल्म को भी अधिक मुनाफ़े के
लिए हिंदी में डब
किया जाना जरूरी हो गया । इसके
हिंदी संस्करण ने भारत में इतने पैसे कमाए
जितने अंग्रेजी संस्करण ने पूरे विश्व में
नहीं कमाए थे ।
*अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 114
मिलियन डॉलर की एक विशेष
राशि अमरीका में हिंदी, चीनी और
अरबी भाषाएं सीखाने के लिए स्वीकृत
की है । इससे स्पष्ट होता है कि हिंदी के
महत्व को विश्व में कितनी गंभीरता से
अनुभव किया जा रहा है ।
*अनेक देश हिंदी कार्यक्रम प्रसारित कर
रहे हैं, जिनमें बीबीसी, यूएई क़े 'हम एफ-
एम' ,जर्मनी के डॉयचे वेले, जापान के
एनएचके वर्ल्ड और चीन के
चाइना रेडियो इंटरनेशनल
की हिंदी सेवा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
*हॉलीवुड ने पहचानी हिन्दी की ताकत –
बहुचर्चित मशहूर ओर
कामयाबी का नया इतिहास रचने
वाली चलचित्र ( फ़िल्म) को दिया वैश्विक
हिन्दी नाम 'अवतार' । अवतार शब्द
का अर्थ यह है कि पृथ्वी में आना।हॉलीवुड
की मशहूर फ़िल्म "अवतार"
दुनिया की सबसे ज़्यादा कमाई करने
वाली चलचित्र ( फ़िल्म) बन गई है ।
हिन्दी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब
ट्विटर हिन्दी में ::-----:----:हि न्दी के
बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब ट्विटर
हिन्दी में भी अपनी सेवा शुरू करने
जा रही है ।ट्विटर बहुत ही तेजी से
इंटरनेट पर लोकप्रिय
हो रही माइक्रोब्लॉगिंग नेटवर्किंग
सेवा है। सामाजिक मेलजोल की लोकप्रिय
साइट ‘ट्विटर’ के भारतीय प्रशंसकों के
लिए एक खुशखबरी। ट्विटर ने 14 सितम्बर
२०११ हिन्दी दिवस के अवसर
अपना हिन्दी वर्जन पेश किया।
जब आठवां विश्व हिन्दी सम्मेलन हिंदी में
बोले संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-
मून:-----:-- -आठवां विश्व हिन्दी सम्मेलन,
अमरीका के न्यूयार्क शहर में 13-15
जुलाई, 2007 को आयोजित किया गया।
सम्मेलन का मुख्य विषय " विश्व मंच पर
हिन्दी " था। सम्मेलन का उद्घाटन
समारोह संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में
संपन्न हुआ। विश्व के समस्त
हिंदी प्रेमियों और कर्मियों के लिए संयुक्त
राष्ट्र संघ के सभा कक्ष में पहली बार आठवें
विश्व हिंदी सम्मेलन का शुभारंभ होना एक
ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है ।
क्या हमें अँग्रेजी की गुलामी छोडकर
हिन्दी को महत्व
नहीं देना चाहिए ?"भारत की सिर्फ़ सात
प्रतिशत जनसंख्या अँग्रेजी बोलती है
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान
हमारा"
!!जागो भारतीय जागो !!
सबसे स्वतंत्र रस जो भी अनघ पियेगा
पूरा जीवन केवल वह वीर जियेगा!
"डूबती कश्ती को अब
किनारा देना होगा ,
लडखडाते देश को हमें सहारा देना होगा,
लिखना है इतिहास हमे अपने हिन्द का,
फिर इस काम में लहू हमें
हमारा देना होगा !"
जय हिन्द जय भारत जय हिंदुत्व जय
महाकाल
No comments:
Post a Comment