कुछ
दिनों से देखा जा रहा है कि मुस्लिम ब्लोगर जब कोई तर्कपूर्ण समुचित जवाब
देने में असफल हो गए हैं ,तो बेनाम के भेस में अश्लील कमेन्ट करने लगे हैं
.और इस्लाम का असली घिनावना रूप दिखा रहे है .इस से मुझे कोई ताज्जुब नहीं
हो रहा है .असल में यह लोग मुहम्मद की सुन्नत का पालन कर रहे .मुहम्मद जैसा
था ,और जैसी उसकी शिक्षा थी वही गन्दगी मुसलमानों के दिमागों में भरी हुई
थी .यद्यपि मैंने यह लेख काफी पहले तय्यार कर लिया था .लेकिन इन बेनामी
मुस्लिम ब्लोगरों ने इसे प्रकाशित करने का अवसर दे दिया .
यह बात तो सर्वविदित है कि मुहम्मद एक अय्याश व्यक्ति था .लेकिन वह सेक्स गुरु भी था .वह मुसलमानों को सेक्स के नये नए तरीके सिखाता रहता था .ताकि मुसलमान उसका अनुकरण करके वैसा ही करें .क्योंकि जिहादियों को क्रूर होने के साथ साथ अय्याश होना भी जरुरी है .अगर इस दुनिया में अय्याशी नहीं करेंगे तो ,मर कर जन्नत में अय्याशी कैसे करेंगे .यही इस्लाम का आधार और मुसलमानों का एकमात्र लक्ष्य है .
यद्यपि मुहम्मद ने सेक्स के बारे में कोई अलग से किताब नहीं लिखी है ,परन्तु उसने जो भी आय्याशियाँ कि हैं ,वे सब हदीसों में मौजूद हैं .उन से छांट कर यह इस्लामी कामसूत्र الكِتاب الجِنس الاسلاميه प्रस्तुत किया जा रहा है .इसमे प्रारम्भ से अंत तक इस्लामी सेक्स की जानकारी है .यह ज्ञान मुस्लिम महिलाओं के लिए अवश्य उपयोगी होगा . " فقط للنساء المسلمات "केवल मुस्लिम महिलाओं के लिए !
1 -सेक्स की तय्यारी कैसे करें
"औरतें अपने जिहादी पतियों के घर में आने से पहिले अपने निचे के बाल(Pubic Hair )साफ़ करके रखें ".बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 173
"मुस्लिम औरतें अपनी योनी और बगल के बाल साफ करके तय्यार रहें "बुखारी -जिल्द 7 किताब 72 हदीस 177
2 -सेक्स के लिए सदा तय्यार रहें
"यदि कोई औरत घर के काम में व्यस्त हो ,और उसका जिहादी पति उसे सेक्स के लिए बुलाये तो ,औरत को चाहिए कि सब काम छोड़कर तुरंत ही वहीँ पर सम्भोग करवा ले "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3240
"सम्भोग करना जरुरी है ,चाहे तुम्हारी पत्नी राजी हो या नहीं ."मुस्लिम -किताब 3 हदीस 677 और 680
3 -छातियाँ मसलवाना(Breastpresing )
"अबू मूसा बिन अशरी ने कहा कि मैं अपनी पत्नी की छातियाँ दबाकर उसका दूध पीता हूँ .मुझे लगा कि यह हराम है .फिर अब्दुल्लाह बिन मसूद ने रसूल से पूछा तो रसूल ने कहा कि यह काम जायज है "मुवत्ता-किताब 30 हदीस 214
"याहया बिन मालिक ने कहा कि मैं अपनी पत्नी के स्तनों से दूध पीता हूँ ,क्या यह हराम है .तब अबू मूसने कहा कि इसे रसूल ने जायज कहा है .और मैं दो सालों से यही कर रहा हूँ "मलिक मुवत्ता -किताब 30 हदीस 215
4 -कुंवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए उत्तम हैं
"अल्लाह की नजर में कुंवारी और अक्षत योनी लड़कियाँ उत्तम होती है "बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 16
"कुँवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए श्रेष्ठ होती हैं "बुखारी -जिल्द 38 हदीस 504 .
"रसूल ने कहा कि ,कुंवारी कन्या के साथ सम्भोग करने में अधिक आनंद आता है "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3459 .
5 -औरत की माहवारी में सम्भोग की विधि
"आयशा नेकहा कि ,रसूल उस समय भी सम्भोग करते थे जब मैं माहवारी में होती थी "बुखारी -जिल्द 3 किताब 33 हदीस 247
"रसूल ने कहा कि ,तुम औरतों से मास्क के समय भी सम्भोग कर सकते हो "अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
"मासिक के समय किसी भी औरत के साथ सम्भोग करना हलाल है "अबूदाऊद -किताब 1 हदीस 212
"अगर कोई गलती से पत्नी के आलावा किसी ऐसी स्त्री से सम्भोग करे ,जो मासिक से हो ,तो उसे प्रायश्चित के लिए आधा दीनार खैरात कर देना चाहिए"
"अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2164
"और अगर अपनी पत्नी से उसकी मासिक के समय सम्भोग करे तो ,सदके के तौर पर एक दीनार दे देना चाहिए "
.अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 264 और 302
"यदि स्त्री की योनी से मासिक स्राव अधिक बह रहा हो तो ,पहिले योनी से स्राव को साफ कर लें ,फिर तेल लगा कर सम्भोग करें .यही तरिका रसूल ने बताया है.
"सही मुस्लिम -किताब 3 हदीस 647 .
"आयशा ने कहा कि,जब भी मैं मासिक में होती थी रसूल मेरी योनी से स्राव साफ करके सम्भोग किया करते थे "
मुस्लिम -किताब 3 हदीस 658
6 -सम्भोग के बाद गुस्ल जरूरी नहीं
"आयशा ने कहा कि रसूल सम्भोग के बाद बिना गुस्ल किये ही मेरे साथ उसी हालत में सो जाते थे" .अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 42
"आयशा ने बताया कि ,जब रसूल और मैं सम्भोग के बाद गंदे हो जाते थे ,तो रासुल्बिना पानी छुए ही मेरे पास सो जाते थे ..और उठकर नमाज के लिए चले जाते थे ".अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 42
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद एअसुल गंदे हो जाते थे ,तो उसी हालत में सो जाते थे ,फिर बाद में उठ जाने पर बाजार या नमाज के लिए चले जाते थे .उनके पापड़ों पर वीर्य के दाग साफ दिखाई देते थे ,"अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 228
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद रसूल के कपड़ों पर वीर्य सुख जाता था .और दाग पड़ जाता था तो मैं अपने नाखूनों से वीर्य के दागों को खुरच देती थी .रसूल वही कपडे पहिन कर नमाज के लिए चले जाते थे "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2161
7 -वीर्य का स्वाद और रंग
"अनस बिन मलिक कहा कि रसूल ने उम्म सलेम को बताया कि पुषों के वीर्य का रंग सफ़ेद होता है और गाढ़ा होता है .और बेस्वाद होता है .लेकिन स्त्री का वीर्य पतला ,पीला और तल्ख़ होता है "अबू दाऊद -किताब 3 हदीस 608
"उम्म सलेम ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि स्त्रियों कि योनी से हमेशा एक स्राव निकलता रहता है .जिसका रंग पीला होता है .रसूल ने फिर कहा कि मुझे यह बात कहने कोई शर्म नहीं है कि , योनी के स्राव का स्वाद तल्ख़ और तीखा होता है "अबू दाऊद -किताब 3 हदीस 610 .
8 -माँ बेटी से एक साथ सम्भोग
"याह्या बिन मलिक की रवायत है कि उबैदुल्ला इब्न उतवा इब्न मसूद ने कहा कि उमर बिन खत्ताब ने जिहाद में एक माँ और बेटी को पकड़ लिया .और रसूल से पूछा क्या हम इन से एक एक करके सम्भोग करें या अलग अलग ,रसूल ने कहा की तुम दौनों से एक ही समय सम्भोग कर सकते हो .इसकी अनुमति है .लेकिन मैं इसे नापसंद करता हूँ "मलिक मुवत्ता-किताब 28 हदीस 1433
9 -वेश्या गमन
"रसूल ने कहा कि जिहाद के समय मुसलमान एक रात केलिए भी शादी कर सकते हैं "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3253
10 -कुतिया आसन(Doggy style )
"जाबिर बिन अब्दुल्लाह ने रसूल से कहा कि एक यहूदी अपनी पत्नी की योनी में पीछे से लिंग प्रवेश करता है .क्या बुरी बात है .रसूल ने कहा की इसमे कोई हर्ज नहीं है ."मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3364
"अबू जुहरी ने कहा की रसूल ने कहा कि,तुम चाहे औरतों से आगे से सम्भोग करो चाहे पीछे से ,परन्तु लिंग योनी के अन्दर ही प्रवेश होना चाहिए .नहीं तो संतान भेंगी होती है "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3365
11 -जंघा मैथुन (Thighing )
"आयशा ने कहा कि ,जिस समय मैं माहवारी में होती थी तबी रसूल आ गए और मुझ से अपनी जांघें खोलने को कहा ,फिर नबी ने अपने गाल मेरी जांघों पर रखे .मैंने उनके सर को जांघों में कास लिया .इस से रसूल को गर्मी मिली और वह उसी हालत में सोते रहे .शायद रसूल को सर्दी लग गयी थी "अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
12 -औरतें केवल भोग की वस्तु हैं
"औरतें केवल भोगने और मौजमस्ती और आमोद प्रमोद के लिए ही बनी हैं "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2078
"यदि औरत की सम्भोग की इच्छा भी नहीं हो तब भी पति उस से जबरदस्ती सभोग करने का हकदार है .रसूल ने कहा कि अल्लाह ने औरतों पर मर्दों को फजीलत दे रखी है "अबू दाऊद - किताब 11 हदीस 2044 .
"यदि स्त्री सम्भोग से इंकार करे तो पति उसे पीट कर जबरन सम्भोग कर सकता है "मिश्कात -किताब 6 हदीस 671
"अगर पत्नी गर्भवती भी हो ,तो पति उस से उस हालत में सम्भोग कर सकता है ,चाहे उसकी पत्नी सम्भोग करवाने के लिए कितना भी विरोध करे .पति उस से सम्भोग जरुर करे "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2153 और 2166 .
13 -मुख मैथुन (Oral Sex )
"आयशा ने कहा कि,रसूल जब रोजे कि हालत में होते थे ,तब भी वह अपना मुंह मेरे मुंह से लगा कर मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थे .और मेरा सारा थूक उनके मुंह में चला जाता था "अबू दाऊद-किताब 13 हदीस 2380
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि ,हरेक हालत में आनंद लेना चाहिए .चाहे रोजे के दिन हों "अबू दाऊद किताब 12 हदीस 302 .
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि पुरुष और स्त्री के अंगों में एक प्रकार की शहद होती है ,जब तक स्त्री पुरुष का ,शहद नहीं चखती है ,वह हलाल नहीं मानी जा सकती है .और यही बात पुरुषों पर लागू होती है "सही मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3354 .
यह इस्लामी कामसूत्र पढनेके बाद आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि मुस्लिम ब्लोगर बात बात पर हरेक मुद्दे को सेक्स की ओर क्यों मोड़ देते हैं .और अश्लील शब्दों का क्यों प्रयोग करते हैं .इसमे इनका उतना कसूर नहीं है ,जितना इस कामसूत्र के रचयिता मुहम्मद का हैं .जैसा मुसलमानों के दिमागों में भरा हुआ है ,वैसा ही यह लोग बोलते हैं .
इसमे दी गयी कई मूल हदीसें काफी बड़ी और कहानियों की तरह थीं .जगह की कमी के कारण उन्हें सारांश के रूप में दिया गया है .पूरी हदीसें दी गई साइटों में उपलब्ध है . ذالك الكتاب الجِنس هديً لِلمُسلمين
यह "किताबुल जिन्स" रसूल के वचन हैं ,और मुसलमानों को राह दिखाते हैं .
ऐसे बेनामी क्षद्म मुस्लिम ब्लोगरों को पता होना चाहिए कि हमारे पास जवाब देने के लिए ऐसे लेखों की कोई कमी नहीं है .अभी तो मुहम्मद को बेनकाब किया है .अगली बार उसके समूचे परिवार और रिश्तेदारों की असलियत सब के सामने प्रस्तुत कर दी जायेगी .इंतजार करिए .
http://www.islamreview.com/articles/sexinislam.shtml
यह बात तो सर्वविदित है कि मुहम्मद एक अय्याश व्यक्ति था .लेकिन वह सेक्स गुरु भी था .वह मुसलमानों को सेक्स के नये नए तरीके सिखाता रहता था .ताकि मुसलमान उसका अनुकरण करके वैसा ही करें .क्योंकि जिहादियों को क्रूर होने के साथ साथ अय्याश होना भी जरुरी है .अगर इस दुनिया में अय्याशी नहीं करेंगे तो ,मर कर जन्नत में अय्याशी कैसे करेंगे .यही इस्लाम का आधार और मुसलमानों का एकमात्र लक्ष्य है .
यद्यपि मुहम्मद ने सेक्स के बारे में कोई अलग से किताब नहीं लिखी है ,परन्तु उसने जो भी आय्याशियाँ कि हैं ,वे सब हदीसों में मौजूद हैं .उन से छांट कर यह इस्लामी कामसूत्र الكِتاب الجِنس الاسلاميه प्रस्तुत किया जा रहा है .इसमे प्रारम्भ से अंत तक इस्लामी सेक्स की जानकारी है .यह ज्ञान मुस्लिम महिलाओं के लिए अवश्य उपयोगी होगा . " فقط للنساء المسلمات "केवल मुस्लिम महिलाओं के लिए !
1 -सेक्स की तय्यारी कैसे करें
"औरतें अपने जिहादी पतियों के घर में आने से पहिले अपने निचे के बाल(Pubic Hair )साफ़ करके रखें ".बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 173
"मुस्लिम औरतें अपनी योनी और बगल के बाल साफ करके तय्यार रहें "बुखारी -जिल्द 7 किताब 72 हदीस 177
2 -सेक्स के लिए सदा तय्यार रहें
"यदि कोई औरत घर के काम में व्यस्त हो ,और उसका जिहादी पति उसे सेक्स के लिए बुलाये तो ,औरत को चाहिए कि सब काम छोड़कर तुरंत ही वहीँ पर सम्भोग करवा ले "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3240
"सम्भोग करना जरुरी है ,चाहे तुम्हारी पत्नी राजी हो या नहीं ."मुस्लिम -किताब 3 हदीस 677 और 680
3 -छातियाँ मसलवाना(Breastpresing )
"अबू मूसा बिन अशरी ने कहा कि मैं अपनी पत्नी की छातियाँ दबाकर उसका दूध पीता हूँ .मुझे लगा कि यह हराम है .फिर अब्दुल्लाह बिन मसूद ने रसूल से पूछा तो रसूल ने कहा कि यह काम जायज है "मुवत्ता-किताब 30 हदीस 214
"याहया बिन मालिक ने कहा कि मैं अपनी पत्नी के स्तनों से दूध पीता हूँ ,क्या यह हराम है .तब अबू मूसने कहा कि इसे रसूल ने जायज कहा है .और मैं दो सालों से यही कर रहा हूँ "मलिक मुवत्ता -किताब 30 हदीस 215
4 -कुंवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए उत्तम हैं
"अल्लाह की नजर में कुंवारी और अक्षत योनी लड़कियाँ उत्तम होती है "बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 16
"कुँवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए श्रेष्ठ होती हैं "बुखारी -जिल्द 38 हदीस 504 .
"रसूल ने कहा कि ,कुंवारी कन्या के साथ सम्भोग करने में अधिक आनंद आता है "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3459 .
5 -औरत की माहवारी में सम्भोग की विधि
"आयशा नेकहा कि ,रसूल उस समय भी सम्भोग करते थे जब मैं माहवारी में होती थी "बुखारी -जिल्द 3 किताब 33 हदीस 247
"रसूल ने कहा कि ,तुम औरतों से मास्क के समय भी सम्भोग कर सकते हो "अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
"मासिक के समय किसी भी औरत के साथ सम्भोग करना हलाल है "अबूदाऊद -किताब 1 हदीस 212
"अगर कोई गलती से पत्नी के आलावा किसी ऐसी स्त्री से सम्भोग करे ,जो मासिक से हो ,तो उसे प्रायश्चित के लिए आधा दीनार खैरात कर देना चाहिए"
"अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2164
"और अगर अपनी पत्नी से उसकी मासिक के समय सम्भोग करे तो ,सदके के तौर पर एक दीनार दे देना चाहिए "
.अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 264 और 302
"यदि स्त्री की योनी से मासिक स्राव अधिक बह रहा हो तो ,पहिले योनी से स्राव को साफ कर लें ,फिर तेल लगा कर सम्भोग करें .यही तरिका रसूल ने बताया है.
"सही मुस्लिम -किताब 3 हदीस 647 .
"आयशा ने कहा कि,जब भी मैं मासिक में होती थी रसूल मेरी योनी से स्राव साफ करके सम्भोग किया करते थे "
मुस्लिम -किताब 3 हदीस 658
6 -सम्भोग के बाद गुस्ल जरूरी नहीं
"आयशा ने कहा कि रसूल सम्भोग के बाद बिना गुस्ल किये ही मेरे साथ उसी हालत में सो जाते थे" .अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 42
"आयशा ने बताया कि ,जब रसूल और मैं सम्भोग के बाद गंदे हो जाते थे ,तो रासुल्बिना पानी छुए ही मेरे पास सो जाते थे ..और उठकर नमाज के लिए चले जाते थे ".अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 42
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद एअसुल गंदे हो जाते थे ,तो उसी हालत में सो जाते थे ,फिर बाद में उठ जाने पर बाजार या नमाज के लिए चले जाते थे .उनके पापड़ों पर वीर्य के दाग साफ दिखाई देते थे ,"अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 228
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद रसूल के कपड़ों पर वीर्य सुख जाता था .और दाग पड़ जाता था तो मैं अपने नाखूनों से वीर्य के दागों को खुरच देती थी .रसूल वही कपडे पहिन कर नमाज के लिए चले जाते थे "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2161
7 -वीर्य का स्वाद और रंग
"अनस बिन मलिक कहा कि रसूल ने उम्म सलेम को बताया कि पुषों के वीर्य का रंग सफ़ेद होता है और गाढ़ा होता है .और बेस्वाद होता है .लेकिन स्त्री का वीर्य पतला ,पीला और तल्ख़ होता है "अबू दाऊद -किताब 3 हदीस 608
"उम्म सलेम ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि स्त्रियों कि योनी से हमेशा एक स्राव निकलता रहता है .जिसका रंग पीला होता है .रसूल ने फिर कहा कि मुझे यह बात कहने कोई शर्म नहीं है कि , योनी के स्राव का स्वाद तल्ख़ और तीखा होता है "अबू दाऊद -किताब 3 हदीस 610 .
8 -माँ बेटी से एक साथ सम्भोग
"याह्या बिन मलिक की रवायत है कि उबैदुल्ला इब्न उतवा इब्न मसूद ने कहा कि उमर बिन खत्ताब ने जिहाद में एक माँ और बेटी को पकड़ लिया .और रसूल से पूछा क्या हम इन से एक एक करके सम्भोग करें या अलग अलग ,रसूल ने कहा की तुम दौनों से एक ही समय सम्भोग कर सकते हो .इसकी अनुमति है .लेकिन मैं इसे नापसंद करता हूँ "मलिक मुवत्ता-किताब 28 हदीस 1433
9 -वेश्या गमन
"रसूल ने कहा कि जिहाद के समय मुसलमान एक रात केलिए भी शादी कर सकते हैं "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3253
10 -कुतिया आसन(Doggy style )
"जाबिर बिन अब्दुल्लाह ने रसूल से कहा कि एक यहूदी अपनी पत्नी की योनी में पीछे से लिंग प्रवेश करता है .क्या बुरी बात है .रसूल ने कहा की इसमे कोई हर्ज नहीं है ."मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3364
"अबू जुहरी ने कहा की रसूल ने कहा कि,तुम चाहे औरतों से आगे से सम्भोग करो चाहे पीछे से ,परन्तु लिंग योनी के अन्दर ही प्रवेश होना चाहिए .नहीं तो संतान भेंगी होती है "मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3365
11 -जंघा मैथुन (Thighing )
"आयशा ने कहा कि ,जिस समय मैं माहवारी में होती थी तबी रसूल आ गए और मुझ से अपनी जांघें खोलने को कहा ,फिर नबी ने अपने गाल मेरी जांघों पर रखे .मैंने उनके सर को जांघों में कास लिया .इस से रसूल को गर्मी मिली और वह उसी हालत में सोते रहे .शायद रसूल को सर्दी लग गयी थी "अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
12 -औरतें केवल भोग की वस्तु हैं
"औरतें केवल भोगने और मौजमस्ती और आमोद प्रमोद के लिए ही बनी हैं "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2078
"यदि औरत की सम्भोग की इच्छा भी नहीं हो तब भी पति उस से जबरदस्ती सभोग करने का हकदार है .रसूल ने कहा कि अल्लाह ने औरतों पर मर्दों को फजीलत दे रखी है "अबू दाऊद - किताब 11 हदीस 2044 .
"यदि स्त्री सम्भोग से इंकार करे तो पति उसे पीट कर जबरन सम्भोग कर सकता है "मिश्कात -किताब 6 हदीस 671
"अगर पत्नी गर्भवती भी हो ,तो पति उस से उस हालत में सम्भोग कर सकता है ,चाहे उसकी पत्नी सम्भोग करवाने के लिए कितना भी विरोध करे .पति उस से सम्भोग जरुर करे "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2153 और 2166 .
13 -मुख मैथुन (Oral Sex )
"आयशा ने कहा कि,रसूल जब रोजे कि हालत में होते थे ,तब भी वह अपना मुंह मेरे मुंह से लगा कर मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थे .और मेरा सारा थूक उनके मुंह में चला जाता था "अबू दाऊद-किताब 13 हदीस 2380
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि ,हरेक हालत में आनंद लेना चाहिए .चाहे रोजे के दिन हों "अबू दाऊद किताब 12 हदीस 302 .
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि पुरुष और स्त्री के अंगों में एक प्रकार की शहद होती है ,जब तक स्त्री पुरुष का ,शहद नहीं चखती है ,वह हलाल नहीं मानी जा सकती है .और यही बात पुरुषों पर लागू होती है "सही मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3354 .
यह इस्लामी कामसूत्र पढनेके बाद आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि मुस्लिम ब्लोगर बात बात पर हरेक मुद्दे को सेक्स की ओर क्यों मोड़ देते हैं .और अश्लील शब्दों का क्यों प्रयोग करते हैं .इसमे इनका उतना कसूर नहीं है ,जितना इस कामसूत्र के रचयिता मुहम्मद का हैं .जैसा मुसलमानों के दिमागों में भरा हुआ है ,वैसा ही यह लोग बोलते हैं .
इसमे दी गयी कई मूल हदीसें काफी बड़ी और कहानियों की तरह थीं .जगह की कमी के कारण उन्हें सारांश के रूप में दिया गया है .पूरी हदीसें दी गई साइटों में उपलब्ध है . ذالك الكتاب الجِنس هديً لِلمُسلمين
यह "किताबुल जिन्स" रसूल के वचन हैं ,और मुसलमानों को राह दिखाते हैं .
ऐसे बेनामी क्षद्म मुस्लिम ब्लोगरों को पता होना चाहिए कि हमारे पास जवाब देने के लिए ऐसे लेखों की कोई कमी नहीं है .अभी तो मुहम्मद को बेनकाब किया है .अगली बार उसके समूचे परिवार और रिश्तेदारों की असलियत सब के सामने प्रस्तुत कर दी जायेगी .इंतजार करिए .
http://www.islamreview.com/articles/sexinislam.shtml
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