किसी भी व्यक्ति से मिलते समय यदि कुछ
बातों पर ध्यान दें तो हम उसके विषय में
काफी कुछ जान सकते हैं, समझ सकते हैं।
किसी अनजान व्यक्ति से मिलते ही उसके
स्वभाव और गुण-अवगुण को जानने के लिए
आचार्य चाणक्य ने सटीक बात बताई है-
आचार:
कुलमाख्याति देशमाख्याति भाषणम्।
सम्भ्रम:
स्नेहमाख्याति वपुराख्याति भोजनम्।।
आचार्य कहते हैं कि किसी भी मनुष्य
का आचरण उसके कुल या परिवार कैसा है
बता देता है। व्यक्ति की बोली देश
या क्षेत्र की जानकारी दे देती है। आदर
भाव वाला व्यक्ति प्रेमी स्वभाव
का होता है। व्यक्ति का शरीर देखकर
मालुम हो जाता है कि वह कैसा भोजन
करता है...
आचार्य चाणक्य के अनुसार
किसी भी व्यक्ति का आचरण पर ध्यान
दिया जाए तो हम जान सकते हैं
कि उसका परिवार कैसा है? उसका कुल
सभ्य है या असभ्य। हमारी बोलने
की शैली बता देती है कि हम किस देश
या क्षेत्र में रहते हैं। हर क्षेत्र या शहर के
लोगों का बोलने का अंदाज अलग-अलग
होता है। किसी भी व्यक्ति का व्यवहार,
हाव-भाव बता देता है कि उसका स्वभाव
कैसा है? ठीक ऐसे ही किसी भी मनुष्य
का शरीर देखकर मालुम किया जा सकता है
कि वह कैसा और कितना भोजन खाता है।
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के गुरुकुल में
अर्थशास्त्र के आचार्य थे लेकिन
उनकी राजनीति में गहरी पकड़ थी। इनके
पिता का नाम आचार्य चणीक
था इसी वजह से इन्हें चणीक पुत्र चाणक्य
कहा जाता है। संभवत: पहली बार
कूटनीति का प्रयोग आचार्य चाणक्य
द्वारा ही किया गया था। जब उन्होंने
सम्राट सिकंदर को भारत छोडऩे पर मजबूर
कर दिया। इसके अतिरिक्त कूटनीति से
ही उन्होंने चंद्रगुप्त को अखंड भारत
का सम्राट भी बनाया। आचार्य चाणक्य
द्वारा श्रेष्ठ जीवन के लिए चाणक्य
नीति ग्रंथ रचा गया है। इसमें दी गई
नीतियों का पालन करने पर जीवन में
सफलताएं अवश्य प्राप्त होती हैं। —
बातों पर ध्यान दें तो हम उसके विषय में
काफी कुछ जान सकते हैं, समझ सकते हैं।
किसी अनजान व्यक्ति से मिलते ही उसके
स्वभाव और गुण-अवगुण को जानने के लिए
आचार्य चाणक्य ने सटीक बात बताई है-
आचार:
कुलमाख्याति देशमाख्याति भाषणम्।
सम्भ्रम:
स्नेहमाख्याति वपुराख्याति भोजनम्।।
आचार्य कहते हैं कि किसी भी मनुष्य
का आचरण उसके कुल या परिवार कैसा है
बता देता है। व्यक्ति की बोली देश
या क्षेत्र की जानकारी दे देती है। आदर
भाव वाला व्यक्ति प्रेमी स्वभाव
का होता है। व्यक्ति का शरीर देखकर
मालुम हो जाता है कि वह कैसा भोजन
करता है...
आचार्य चाणक्य के अनुसार
किसी भी व्यक्ति का आचरण पर ध्यान
दिया जाए तो हम जान सकते हैं
कि उसका परिवार कैसा है? उसका कुल
सभ्य है या असभ्य। हमारी बोलने
की शैली बता देती है कि हम किस देश
या क्षेत्र में रहते हैं। हर क्षेत्र या शहर के
लोगों का बोलने का अंदाज अलग-अलग
होता है। किसी भी व्यक्ति का व्यवहार,
हाव-भाव बता देता है कि उसका स्वभाव
कैसा है? ठीक ऐसे ही किसी भी मनुष्य
का शरीर देखकर मालुम किया जा सकता है
कि वह कैसा और कितना भोजन खाता है।
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के गुरुकुल में
अर्थशास्त्र के आचार्य थे लेकिन
उनकी राजनीति में गहरी पकड़ थी। इनके
पिता का नाम आचार्य चणीक
था इसी वजह से इन्हें चणीक पुत्र चाणक्य
कहा जाता है। संभवत: पहली बार
कूटनीति का प्रयोग आचार्य चाणक्य
द्वारा ही किया गया था। जब उन्होंने
सम्राट सिकंदर को भारत छोडऩे पर मजबूर
कर दिया। इसके अतिरिक्त कूटनीति से
ही उन्होंने चंद्रगुप्त को अखंड भारत
का सम्राट भी बनाया। आचार्य चाणक्य
द्वारा श्रेष्ठ जीवन के लिए चाणक्य
नीति ग्रंथ रचा गया है। इसमें दी गई
नीतियों का पालन करने पर जीवन में
सफलताएं अवश्य प्राप्त होती हैं। —
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