साईं की विशेषता
उसके बाप ने रानी लक्ष्मी बाई को धोखा देने के लिए झाँसी के किले का दरवाजा पीछे से खोला और रानी की हत्या करवाई,
साईं ने अपने जीवन काल में 1300 ब्राह्मणों के खतने करवाए, बाकी अलग है,
साईं ने केवल शिर्डी में रह कर जादू टोना किया, जबकि संत पुरे संसार में घूम कर लोगो का कल्याण करता है,
साईं लोगो को भद्दी भद्दी गन्दी गालियाँ देता था, अध्याय-14 सत्चरित्र
साईं मांस और चावल एक साथ खाता था, यानी चिकन बिरयानी अध्याय 38 - साईंसत्चरित्र
साईं एक मुसलमान था अध्याय 22 साईं सत्चरित्र,
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अब पढो रामायण - श्री राम विष्णु जी के अवतार, क्या साईं कोई अवतार है??
श्री राम ने पिता के केवल कहने भर पर राज पाट त्यागा,
भाई के लाख कहने पर पिता का वचन निभाया,
अपनी पत्नी के अपहरण के बाद न केवल उन्हें मुक्त कराया बल्कि उस दुष्ट
रावण को उसके अपराधो का दंड भी दिया, इससे पता चलता है की श्री राम नारी का
सम्मान करते थे,
श्री राम ने लंका जितने का श्रेय भी खुद न लेकर भालुओ वानरों की सेना को दिया यानी अपने सेवको पर कृपा करने वाले,
श्री राम एक आदर्श पति, पुत्र, पिता, स्वामी, और राजा थे,
अपनी प्रजा को इतना प्रसन्न खुश रखा की उनके शासन काल को रामराज्य कहा जाता है
क्या ऐसे महान श्री राम का इस साईं से कोई भी मिलन संभव है ...
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