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Sunday, February 17, 2013

ऊंट की पेशाब :रसूल की पसंद और दवा !

ऊंट की पेशाब :रसूल की पसंद और दवा ! यह एक सर्वमान्य सत्य है ,कि जब किसी व्यक्ति के पास प्रमाण नहीं होते ,और वह अपनी बात को सही सिद्ध करने में असफल हो जाता है.तो वह बौखला कर अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है .और अनर्गल ,असंबंधित बातें करने लगता है जिसका विषय से कोई लेनादेना नहीं होता है . ऐसा ही हमारे islami टिप्पणीकार"Gaffar Siddiqui " "के साथ हो रहा है , यहांतक कि बौखलाहट में एक कमेन्ट में लिख दिया कि मैं जो भी लिखता हूँ वह "गौमूत्र"पीकर लिखता हूँ . शायद उन्हें और बाकी मुसलमानों को यह पता नहीं होगा कि मुहम्मद ऊंट का पेशाब पीता था .और उससे बीमार मुसलमानों का इलाज भी करता था.यहांतक जो भी बद्दू मुसलमान बनाता था उसे भी पाहिले ऊंट की पेशाब पिलाता था . मुहमद के समय अरब के बद्दू गरीब और बेकार थे .उन्हें मुहम्मद जिहाद के लिए बुला लेता था वह भी लूट के हिस्से की लालच में मक्का पहुच जाते थे .बद्दू मूर्तिपूजक थे .और अनपढ़ थे . मुहम्मद ने उन्हें जिहाद के लिए उपयुक्त समझा . इसी तरह अरब के "उकल और उरैना "के कबीले के लोग जब मुहमद से मिलने मक्का गए तो उनकी तबीयत ख़राब होगयी .क्योंकि मक्का का मौसम (climate )उनको माफिक नहीं आरहा था .जब मुहम्मद को यह पता चला तो उसने उन बद्दुओं को ऊंट की पेशाब पीने का आदेश दिया .और कहा यह एक कारगर दवा है .जिसे मैंने भी आजमाया है .बाद में कुछ महीनों में बद्दू उस इलाज से स्वस्थ हो गए और जिहाद पर जाने लगे . यह सारा लेख हम प्रमाणिक हदीसों से दे रहे है.पाहिले हम हिन्दी में इसका प्रमाण देंगे ताकि सब समझ सकें ,फिर अंगरेजी और अरबी की मूल हदीसें देंगे ,ताकी मुसलमान यह आरोप न लगाएं की हम तोड़ मरोड़ कर बात करते है . 1 -मुहम्मद ने मुसलमानों कोऊंट की पेशाब पिलायी "अनस ने कहा की "उक्ल और उरैना"के लोगों की शिकायत है कि,उन लोगों को मक्का का मौसम माफिक नहीं अ रहा है,और वे बीमार हो रहे है.रसूलल्लाह ने आदेश दिया कि उनको ऊँटों के ल्हुन्द के पास ले चलो .फिर रसूल ने उन लोगों से कहा तुम ऊंट की पेशाब पीया करो .यह एक कारगर और आजमाई हुई दवा है,लोगों ने ऐसा ही किया .कुछ समय में वे स्वस्थ हो गए " बुखारी -(वुजू )जिल्द 1 किताब 4 हदीस 234 बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 794 2-नए मुसलमान ऊंट की पेशाब पीते थे "फिर इसके बाद जो भी व्यक्ति मुसलमान बनने के लिए रसूल के पास आता था वे उसे ऊंट की पेशाब जरूर पिलाते थे .रसूल फरमाते थेकि ऊंटों की पेशाब मुफीद होती है और कारगर दवा होनेके कारन मैं भी इसका इस्तेमाल करता हूँ . बुखारी -जिल्द 7 किताब 71 हदीस

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