अब होगा आजाद ये भारत यही बताने आया हूँ ll
टूटेंगी हर वो बेड़ियाँ फिर से वो आस जगाने
आया हूँ l
भर चूका अब घड़ा पाप का वो पाप मिटाने
आया हूँ ll
सिंघासन अब काँप उठेगा वो आवाज उठाने
आया हूँ l
भूल चुके हो जिस कर्म को तुम वो कर्म सिखाने
आया हूँ ll
मर जाऊं गर परवाह नहीं मैं कफन साथ में लाया हूँ
l
झूल गए थे जिन फंदों में वो फन्दा साथ में
लाया हूँ ll
जिन वीरों को जन्म दिया था वो माएं फिर से
जाग उठी हैं l
रंग जायेंगे बसंती चोले में और इन्कलाब
का नारा होगा ll
मैंने कहा था की मैं फिर आऊंगा यही बतानेआया हूँ
l
अब होगा आजाद ये भारत यही बताने आया हूँ ll
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