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Saturday, February 16, 2013

काश ऐसा ठग मैं भी बन पाता ....

सावधान! ये बाबा रामदेव बहुत बड़ा ठग है, धोकेबाज़ है ..
आज बाबा की असलियत जान लोगे तो अच्छा रहेग। इस बाबा ने एक नहीं, न जाने कितनी बार अलग-अलग तरीको से भारतीयों को ही नहीं वरन विदेशियों को भी ठगा है. इसने सिर्फ अमीरों ही नहीं, गरीबो और सभी जातियों और धर्म के लोगो को ठगा है। किसी एक वर्ग ही नहीं, राजनीतिज्ञों से लेकर समाज सुधारको और आम जनता को भी ठगा है. मेरा तो मात्र एक छोटा सा प्रयास है - आप स्वयं न जाने कितनी और जानकारी एकत्रित कर सकते है इस ठग के बारे में.

आधा अधूरा पढकर ये न सोच ले की ये बाबा ठग नहीं है, धोकेबाज नहीं है .. आज इसकी पोल खोलने का वक़्त आ ही गया है ..

- इस बाबा ने ही सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति के मृत-प्रायः होते जा रहे योग एवं आयुर्वेद को पुनः स्थापित किया
- इस बाबा ने ही देश-विदेश के करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से योग सिखाया हैं
- इस बाबा ने ही लोगो की सेवा के लिए पतंजलि योगपीठ की स्थापना की जहाँ 1000 लोगों की आवास की निःशुल्क व्यवस्था है
- इसके पतंजलि योगपीठ में प्रतिदिन 5000 आगन्तुकों के निःशुल्क भोजन व्यवस्था की - और "अतिथि देवो भव:" की भारतीय परंपरा को आगे बढाया है
- भारत से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये अष्टांग योग के माध्यम से जो देशव्यापी जन-जागरण अभियान इस सन्यासी वेशधारी क्रान्तिकारी योद्धा ने प्रारम्भ किया
- इसने किशनगढ़, घासेड़ा तथा महेन्द्रगढ़ में भारतीय वैदिक गुरुकुलों की स्थापना की
- सन् 2006 में महर्षि दयानन्द ग्राम, हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के अतिरिक्त अत्याधुनिक औषधि निर्माण इकाई पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड नाम के दो सेवा प्रकल्प स्थापित किये।
- इन सेवा-प्रकल्पों के माध्यम से बाबा रामदेव योग, प्राणायाम, अध्यात्म आदि के साथ-साथ भारतीय वैदिक शिक्षा व भारतीय आयुर्वेद का भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं
- इसके तत्वाधान में पुरे देश में प्रतिदिन लाखो निशुल्क योग-कक्षाए चलती है
- अमेरिका, इंग्लैण्ड व चीन सहित् विश्व के 120 देशों की लगभग 100 करोड़ से अधिक जनता टी०वी० चैनलों के माध्यम से बाबा के क्रान्तिकारी कार्यक्रमों की प्रसंशक बन चुकी है और स्वास्थ्य-लाभ पाप्त कर रही है
- सम्पूर्ण भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के साथ-साथ एवं यहाँ के मेहनतकशों के खून-पसीने की गाढी कमाई को देश के राजनीतिक लुटेरों द्वारा विदेशी बैंकों में जमा करने के खिलाफ उन्होंने व्यापक जनान्दोलन छेड़ रखा है
- इटली एवम् स्विट्ज़रलैण्ड के बैंकों में जमा लगभग 400 लाख करोड़ रुपये के काले धन को स्वदेश वापस लाने की माँग करते हुए इस बाबा ने आम जनता में जागृति लाने हेतु पूरे भारत की ग्यारह लाख किलोमीटर की यात्रा भी की
- इस यात्रा के दौरान इसने ग्यारह करोड़ से अधिक लोगो को प्रत्यक्ष रूप से निशुल्क योग सिखाया और देश में व्याप्त भ्रस्ताचार और काले धन के बारे में लोगो को बताया और जगाया
- अभी अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुण्य-तिथि (27 फरवरी 2011) को दिल्ली में भ्रष्टाचार के विरुद्ध विशाल रैली का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में देश की जागरुक जनता ने पहुँचकर उन्हें अपना समर्थन दिया और कई करोड़ लोगों के हस्ताक्षरयुक्त मेमोरेण्डम भी सौंपा जिसे बाबा ने उसी दिन राष्ट्रपति-सचिवालय तक पहुँचाया
- पतंजलि आयुर्वेद ने सबसे सस्ती और सबसे अच्छी नित्य प्रयोग की वस्तुएं एवं दवाईयां न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध करवाई. (उदहारण के लिए 1600 रूपए में मिलने वाले एलोवेरा जूस को मात्र 200 रूपए में उपलब्ध करवाया और इसी प्रकार सभी उत्पादों और ओषधियो को अन्य कंपनियों की तुलना में 12 % से 1600 % तक सस्ती उपलब्ध करवाई है.)
- 25 -30 वर्षो की कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप पूरे विश्व में प्रमाणिकता से योग एवं आयुर्वेद को पुनः प्रतिस्थापित किया
- देश में आने वाली किसी भी विपरीत स्थिति में भारत स्वाभिमान सबसे पहले आगे आकर लोगो की सेवा में लग जाता है और हर सम्भव मदद करता है (जैसे भूकंप, रेल हादसे, आसाम बाढ, आसाम दंगो आदि में भारत स्वाभिमान ने हर बार हर सम्भव मदतथा कथित बुद्धिजीवी वर्ग को शायद अब भी समझ न आये की ये बाबा कितना बड़ा ठग है. ये ठग है, और आज मात्र भारत ही नहीं, सारा विश्व ये जानता है की ये बाबा ठग है. और कितने सबूत चाहिए आपको इसके?

- ये ही वो बाबा है जिसने स्त्री वस्त्र पहनकर कृष्ण भगवान् की तरह "रणछोर" कहलाना स्वीकार किया, लेकिन कायरो की तरह मरना नहीं.
- ये ही वो बाबा है जिसने अर्जुन के अज्ञातवास वर्ष की तरह अपने पौरुष को छुपाये रखा
- ये ही वो बाबा है जिसने सरकारी दबाव व दुष्टता, और न जाने कितने प्रलोभनों को ठोकर मार दी लेकिन अपने भारतीय सभ्यता के उत्थान और नए समाज के निर्माण के पथ को नहीं छोड़ा
- ये ही वो बाबा है जिसने शिव की भांति पराजय के विष को अपने कंठ में धारण किया
- ये ही वो बाबा है जिसने गुरु वशिस्थ की भांति गुरुकुल की भूमि का विस्तार किया है
- ये ही वो बाबा है जो परशुराम की तरह राजनीति से दूर तो है, लेकिन अन्याय को सहन नहीं कर सकता

धोकेबाज़ भी है ये, धोका दिया है इस बाबा ने ..
- धोका दिया है इसने उन सभी विदेशी कंपनियों को जो झूंटे वादे करके महंगे सामान बेचती है
- धोका दिया है इसने उन सभी विदेशी कंपनियों को जो खाने और पीने की वस्तुओ के नाम पर जहर परोस रही है
- धोका दिया है इसने उन सभी नेताओ को जिनकी जीविका का एक मात्र साधन भ्रस्ताचार है
- धोका दिया है इसने उन सभी डाक्टरों को जिनकी जीविका सिर्फ दूसरो की बिमारी पर निर्भर है

जो स्वं की बात नहीं करता, जो समाज कल्याण की सोचता है .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जिसने योग का प्रचार विस्तार किया, दुनिया में इसे सम्मान दिलाया .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जिसने बालाकृष्णन के साथ अर्युवेदा को सम्मान ही नहीं, घर घर पहुँचाया .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जो हिन्दू और मुस्लिम की बात नहीं करता, सबको जोड़ता है .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जो गरीबो और अमीरों में फर्क नहीं करता, जो सभी को निरोगी बनाता है .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जो सिर्फ शहरो का ही नहीं, गाँव और कस्बो का भी विकास चाहता है .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.
जो शिक्षा ही नहीं, चरित्र, परिवार, समाज और रास्ट्र निर्माण की बात करता है .. ऐसा ही ठग है ये बाबा.

और अब तो और ठगेगा क्योकि लोग इसे सन्यासी क्रांतिकारी योद्धा स्वामी रामदेव जी मानने लगे है .. इसके हौसले तो देखो कि जैसे आसमान छू लेना चाहता है .. भारत को फिर से विश्व गुरु और सोने की चिड़िया बनाना चाहता है ..

और चल पड़ा है ये ठग, ये धोकेबाज .. भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने के लिए और स्वदेशी व्यवस्था लागू करवाने के लिए, विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए, एक राष्ट्रव्यापी ऐतिहासिक निर्णायक आन्दोलन के लिए .. जो कि दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों देशभक्तों के सहयोग से सफल बनाया जायेगा ..

धन्य है वो लोग जो इस ठग के प्रचार-प्रसार में लगे है .. धन्य है जिन्होंने इस ठग की वास्तविकता से मुझे परिचित कराया .. और धन्य है मेरी मात्र भूमि जिसने ऐसे ठग और धोकेबाज को जनम दिया .. धन्य है वो गुरु जिसने इसे ऐसी ठगी और धोकेबाजी की शिक्षा दी ..

मैं तो बस इतना ही कहूँगा देश और समाज के दुश्मनों से, गद्दारों से और भ्रस्ताचारियो से कि ये बाबा तुमसे भी बड़ा ठग है .. वक़्त है अभी भी संभल जाओ .. संधि कर लो .. वरना बुरा वक़्त आने पर नाभि का अमृत भी साथ नहीं देता .. सर्व श्रेष्ठ गदाधर कि गदा भी हाथ से छूट जाती है .. मगधपति भी अपने घुटनों पर आ जाता है .. सिकंदर को भी अपना रास्ता बदलना पड़ता है ..

जैसे रावण के लिए राम, जैसे दुर्योधन के लिए युधिस्ठिर, जैसे अंग्रेजो के लिए लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे ठग थे, धोकेबाज़ थे .. ये बाबा भी भ्रस्ताचारियो के लिए ठग है, धोकेबाज़ है ..

क्यों सही कहा न मैंने? लेकिन तुम नहीं मानोगे कि ये ठग है .. न सही .. मुझ पर क्या फर्क पड़ता है. वैसे मानता तो मैं भी नहीं हूँ
काश ऐसा ठग मैं भी बन पाता

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