जब
भी किसी के सामने कांग्रेस के बारे में बताता हु तो वो सबसे पहले यही
बोलता है की कांग्रेस ने ही देश को आजाद करवाया था। गाँधी परिवार ने भारत
के लिए बहुत कुर्बानियां दी है। आखिर कब तक सोएगी देश की भोली भाली जनता।
इन्तहा हो गई अब तो जग जाओ।
आइयें म आपको बताता हु कांग्रेस की सच्चाई जिस पार्टी का गठन एक अंग्रेज ने किया हो और वो भी अपने ही देश के खिलाप वो भारत की क्या भलाई सोचेगा। उसने तो कांग्रेस का गठन ही इस लिए किया था ताकि देश के कुछ कमजोर नेताओं को शामिल करके भारत को जायदा दिन तक गुलाम रखे। इस काम में वो पूरी तरह सफल भी रहा। उसी का नतीजा आज पूरा देश भुगत रहा है और तब तक भुगतेगा जब तक कांग्रेस को खत्म नही किया जायेगा। कांग्रेस ने अपने गठन से ले के देश की आजादी तक एक ही काम किया है देश भक्त क्रांतिकारियों और अंग्रेजों के बिच की कड़ी के रूप में। जब भी कोई आन्दोलन देश के आजादी की तरफ बढ़ता था कांग्रेस गाँधी का इस्तेमाल करके उसे ख़तम करवा देती थी। देश की आजादी तक गाँधी ने यही सब किया उसके बाद नेहरु ने भारत के कभी भी कांग्रेस के चंगुल से नही निकलने दिया। 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद गाँधी ने कहा था की कांग्रेस का काम देश को आजाद करवाना था भारत अब आजाद है तो कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। नेहरु ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए पहले तो भारत माँ के दो टुकड़े करवा दिए उसके बाद गाँधी की बात को ना मानकर भारत के उपर कांग्रेस को थोप दिया।
जवाहर लाल नेहरु ने या इंदिरा गाँधी ने अपने जीवन में देश के लिए या देश के विकास के लिए कुछ नही किया। अगर किया होता देश की ये हालत न होती। 1945 के अमेरिकी हमले में जापान बर्बाद हो गया था उसके दो साल बाद1947 में भारत आजाद हुआ उसके दो साल बाद 1949 में चाइना आजाद हुआ था। ऐशिया के इन तीनो देशो का जन्म जैसे एक ही साथ हुआ था। पर आज हमारा पडोसी देश चाइना (हमसे जयादा आबादी का बोझ लेकर भी) और एक छोटा सा देश जापान हमसे 50 साल आगे निकल गए। हम अभी तक वही के वही खड़े है जहा से सबने एक साथ चलना शुरु किया था। हमारे देश को आजाद हुए 65 साल हो गए। इन 65 सालो में देश की सत्ता लगभग 57 सालो तक कांग्रेस के पास रही। पर आज भी देश का नागरिक भूख से मरता है, उनके पास रहने को घर नही है पीने को पानी नही है। लोग बिना इलाज के मर जाते है किसान अपना कर्ज नही चूका पाता इस लिए उसे आत्महत्या करनी पड़ती है। गरीब परिवार का बच्चा बिना शिक्षा के मजदूरी करने को मजबूर है। इतना सब होने के बाद भी क्या कोई कहेगा की कांग्रेस ने या गाँधी/नेहरु परिवार ने देश के लिए देश के नागरिकों के लिए कुछ किया है।
अब हमारे उपर एक और प्रधानमंत्री को थोपने की कोशिश की जा रही है जिसके पास एक छोटे बच्चे तक का दिमाग नही है जिसे ये भी नही पता की तुझे कहा पे क्या बोलना है और क्या नही बोलना। मुझे तरस आता है उन बेचारों की सोच पे जो कहते है की राहुल गाँधी तो देश पीम होना चाहिए ये बहुत स्मार्ट है। बहुत दिनों तक देश के लोगो ने एक नाटक भी देखा अपने इस कथित युवराज का जिसमे वो गरीबों की झोपडी में रुकता था और उनके साथ ही खाना भी खाता था। इस नाटक को देश की मीडिया ने भी बहुत अच्छे से हमें दिखाया पर किसी ने भी इस नाटक के पीछे का सच नही दिखाया। विदर्भ की जिस महिला के घर पे राहुल ने खाना खाया था और देश की मीडिया ने तब बहुत जोर शोर से इसे दिखाया था। उसकी गरीब महिला कलावती की लड़की सविता ने जब आत्महत्या की तब न तो राहुल का पता चला वो कहाँ है और न ही मीडिया ने इसे दिखाया। गरीब के घर रोटी खाई ये तो पुरे देश ने देखा पर जब एक इंसान गरीबी से तंग आके मर गया उसे किसी ने नही देखा।
आइयें म आपको बताता हु कांग्रेस की सच्चाई जिस पार्टी का गठन एक अंग्रेज ने किया हो और वो भी अपने ही देश के खिलाप वो भारत की क्या भलाई सोचेगा। उसने तो कांग्रेस का गठन ही इस लिए किया था ताकि देश के कुछ कमजोर नेताओं को शामिल करके भारत को जायदा दिन तक गुलाम रखे। इस काम में वो पूरी तरह सफल भी रहा। उसी का नतीजा आज पूरा देश भुगत रहा है और तब तक भुगतेगा जब तक कांग्रेस को खत्म नही किया जायेगा। कांग्रेस ने अपने गठन से ले के देश की आजादी तक एक ही काम किया है देश भक्त क्रांतिकारियों और अंग्रेजों के बिच की कड़ी के रूप में। जब भी कोई आन्दोलन देश के आजादी की तरफ बढ़ता था कांग्रेस गाँधी का इस्तेमाल करके उसे ख़तम करवा देती थी। देश की आजादी तक गाँधी ने यही सब किया उसके बाद नेहरु ने भारत के कभी भी कांग्रेस के चंगुल से नही निकलने दिया। 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद गाँधी ने कहा था की कांग्रेस का काम देश को आजाद करवाना था भारत अब आजाद है तो कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। नेहरु ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए पहले तो भारत माँ के दो टुकड़े करवा दिए उसके बाद गाँधी की बात को ना मानकर भारत के उपर कांग्रेस को थोप दिया।
जवाहर लाल नेहरु ने या इंदिरा गाँधी ने अपने जीवन में देश के लिए या देश के विकास के लिए कुछ नही किया। अगर किया होता देश की ये हालत न होती। 1945 के अमेरिकी हमले में जापान बर्बाद हो गया था उसके दो साल बाद1947 में भारत आजाद हुआ उसके दो साल बाद 1949 में चाइना आजाद हुआ था। ऐशिया के इन तीनो देशो का जन्म जैसे एक ही साथ हुआ था। पर आज हमारा पडोसी देश चाइना (हमसे जयादा आबादी का बोझ लेकर भी) और एक छोटा सा देश जापान हमसे 50 साल आगे निकल गए। हम अभी तक वही के वही खड़े है जहा से सबने एक साथ चलना शुरु किया था। हमारे देश को आजाद हुए 65 साल हो गए। इन 65 सालो में देश की सत्ता लगभग 57 सालो तक कांग्रेस के पास रही। पर आज भी देश का नागरिक भूख से मरता है, उनके पास रहने को घर नही है पीने को पानी नही है। लोग बिना इलाज के मर जाते है किसान अपना कर्ज नही चूका पाता इस लिए उसे आत्महत्या करनी पड़ती है। गरीब परिवार का बच्चा बिना शिक्षा के मजदूरी करने को मजबूर है। इतना सब होने के बाद भी क्या कोई कहेगा की कांग्रेस ने या गाँधी/नेहरु परिवार ने देश के लिए देश के नागरिकों के लिए कुछ किया है।
अब हमारे उपर एक और प्रधानमंत्री को थोपने की कोशिश की जा रही है जिसके पास एक छोटे बच्चे तक का दिमाग नही है जिसे ये भी नही पता की तुझे कहा पे क्या बोलना है और क्या नही बोलना। मुझे तरस आता है उन बेचारों की सोच पे जो कहते है की राहुल गाँधी तो देश पीम होना चाहिए ये बहुत स्मार्ट है। बहुत दिनों तक देश के लोगो ने एक नाटक भी देखा अपने इस कथित युवराज का जिसमे वो गरीबों की झोपडी में रुकता था और उनके साथ ही खाना भी खाता था। इस नाटक को देश की मीडिया ने भी बहुत अच्छे से हमें दिखाया पर किसी ने भी इस नाटक के पीछे का सच नही दिखाया। विदर्भ की जिस महिला के घर पे राहुल ने खाना खाया था और देश की मीडिया ने तब बहुत जोर शोर से इसे दिखाया था। उसकी गरीब महिला कलावती की लड़की सविता ने जब आत्महत्या की तब न तो राहुल का पता चला वो कहाँ है और न ही मीडिया ने इसे दिखाया। गरीब के घर रोटी खाई ये तो पुरे देश ने देखा पर जब एक इंसान गरीबी से तंग आके मर गया उसे किसी ने नही देखा।
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