झुण्ड में तो सब गरजे, कौन अकेला दहाड़ता है |
वैसे नेता सब बनते, पर शासक कौन कहलाता है ||
पीछे पीछे सब चलते, पर आगे-आगे कौन जाता है |
शिकारी से तो सब डरते, पर शिकारी को कौन डरता है ||
शेर अकेला आता है | शेर अकेला आता है ||
मित्र तो सब बनाते, शत्रु कौन बनता है |
काले गोरे हरे भरो को, कौन स्वर्ण रूप दिखता है ||
जंगल के कई राजा, पर जंग सम्राट कौन कहलाता है |
शत्रु देखे सब तलवे चाटते, शत्रु को धुल कौन चटाता है ||
शेर अकेला आता है |शेर अकेला आता है ||
मूक संदेही तो समझोता करते, विजयी कौन हो जाता है |
भटकावो में तो सब विचरते, कौन उदेश्य के पीछे भटकता है ||
निपटारा तो सब करते, समाधान कौन कर जाता है |
मिसाल तो सब ढूंडा करते, मिसाल कौन बन जाता है ||
दुःख में रोते प्राणी देखे, कौन दुःख से ही लड़ जाता है |
जो दू:ख समझे भारत के हरण का, कहत मोनिका वही नरेन्द्र मोदी कहलाता है ||
शेर अकेला आता है | शेर अकेला आता है ||
सेकूलर नहीं सनातनी बनो | इंडियन नहीं भारतीय बनो ||
जय सियाराम || जय महाकाल ||
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