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Monday, February 11, 2013

आखिर जानिए कि नाथूराम गोडसे जी जैसे देशभक्त ने गाँधी को गोली मारना ही उचित क्यों समझा ..वो भी 30 जनवरी 1948 को ही ????

आखिर जानिए कि नाथूराम गोडसे जी जैसे देशभक्त ने गाँधी को गोली मारना ही उचित क्यों समझा ..वो भी 30 जनवरी 1948 को ही
आज के युवकों को जिस तरह का इतिहास नेहरु ने पढवाया है उससे उनकी एक खलनायक की छवि बना दी गयी है
आप पूरा सच खोजिये और स्वयं निर्णय कीजिये कि सही कौन था ... गलत कौन ...
गाँधी ....जी टी रोड को पाकिस्तान को देने की जिद कर रहे थे...!
3 फरवरी 1948 को
उनका कहना था कि पाकिस्तान की यह मांग सही है... कि उसके दोनों पाकिस्तान ... यानि पूर्वी पाकिस्तान (आज का बंगलादेश) और पश्चिमी पाकिस्तान को जोड़े रखने के लिए सड़क मार्ग दे देना चाहिए...इसमें क्या बुराई है.
सरदार पटेल अड़ गए कि ऐसा कभी नहीं होने देंगे.
उन्होंने समझाया कि पाकिस्तान केवल आने जाने के लिए ही इसका उपयोग नहीं करेगा बल्कि अगर उसने इस जी टी रोड पर अपने टैंक खड़े कर दिए ..अपने ट्रक खड़े दिए... तो क्या उनके टैंकों के ऊपर से बाकी भारतीय गाड़ियाँ उड़कर जायेंगी ... यही एक दिन उत्तर भारत और दक्षिण भारत को बांटने वाली इंटरनेश्नल लाइन बन जाएगी.
मगर गाँधी तो गाँधी थे... !
भारतवर्ष के दो-तीन टुकड़े करके ... मोतीलाल के तीनों बेटों को देने के बाद भी...नहीं रुक रहे थे.
पाकिस्तान बनवाने के बाद उसको खजाने के पैसे देने ...कश्मीर देने की जिद के बाद .. यह उनकी नयी जिद थी.
सच है... हिन्दू के बुड्ढे साठ साल के बाद सठिया जाते हैं...!
अगर अमर शहीद गोडसे ने उनको नहीं मारा होता तो पता नहीं बुढऊ अभी इस देश का क्या हाल करते...!!
वैष्णव जन गाते गाते .. ईश्वर अल्लाह एक समान कहने लगे...!!
शत शत नमन... गोडसे जैसे भारत माता के वीरपुत्र को...शत शत नमन...!!

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